Petrol Pumps: नए हिट एंड रन कानून के विरोध में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ में ड्राइवरों की हड़ताल आज भी जारी रही। ड्राइवरों ने टैंकर खड़े कर दिए हैं। जिसका असर दिखना शुरू हो गया है। हरियाणा पेट्रोल पंपों में तेल की सप्लाई आधी हो गई है। इसे देखते हुए पेट्रोल पंपों पर लोग तेल भरवाने के लिए भारी भीड़ लग रही है। वहीं पंजाब के 4100 पंपों में से 30% पंप कल रात ही खाली हो चुके थे।
कई पेट्रोल पंपों पर मात्र एक दिन का तेल बचा है, जो आज शाम तक बिक जाएगा। अमृतसर में कुछ लोग खुद तेल भरते दिखे। इसके साथ हिमाचल प्रदेश में 80% पेट्रोल पंप ड्राई हो गए हैं। तेल की कमी की वजह से HRTC की 168 बसें खड़ी हो गई। इसी तरह 150 से ज्यादा प्राइवेट बसों के पहिए भी थम गए हैं।
उधर, चंडीगढ़ में प्रशासन ने पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर शर्त लगा दी है। यहां दोपहिया वाहन के लिए 2 लीटर (अधिकतम मूल्य 200 रुपए) और चार पहिया वाहन के लिए 5 लीटर (अधिकतम मूल्य 500 रुपए) तेल बिक्री के प्रतिबंध लगाए हैं। स्थिति सामान्य होने तक यह शर्त लागू रहेगी।
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Petrol Pumps: हरियाणा में 3800 पेट्रोल पंप, सप्लाई आधी हुई
प्रदेश में कुल 3800 पेट्रोल पंप हैं। इन पंपों पर हड़ताल से पहले 2 करोड़ 96 लाख लीटर डीजल और पेट्रोल की सप्लाई की जाती थी, लेकिन हड़ताल के चलते अब यह सप्लाई 1 करोड़ 48 लीटर रह गई है।
निजी ट्रक ड्राइवर पानीपत स्थित रिफाइनरी और बहादुरगढ़ स्थित प्लांट से तेल नहीं भरवा रहे हैं। जिन पेट्रोल पंपों के खुद के वाहन हैं, वे ही तेल पहुंचा पा रहे हैं। अभी पानीपत रिफाइनरी से 200 से 250 टैंकर तेल लेकर निकल रहे हैं। ये टैंकर पेट्रोल पंप मालिकों के हैं।
पेट्रोल एवं डीजल संगठन के प्रेसिडेंट संजीव चौधरी ने बताया कि प्रदेश के पेट्रोल पंपों पर एक हफ्ते का पेट्रोल-डीजल बचा हुआ है। अगर चक्का जाम लंबे समय तक जारी रहा तो समस्या आ सकती है।
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पानीपत में 200 से 250 टैंकर में तेल की सप्लाई
संजीव चौधरी ने बताया कि पेट्रोल पंप संचालकों के अपने टैंकर भी हैं, जो पानीपत रिफाइनरी से पेट्रोल और डीजल लेकर आते हैं। ऐसे में रिफाइनरी से अभी 200 से 250 टैंकर खुद पेट्रोल पंप मालिकों के सप्लाई दे रहे हैं। वहीं कई पेट्रोल पंप संचालक ऐसे भी हैं, जिनके पास अपने वाहन नहीं है, वह दूसरे पेट्रोल पंप मालिकों के टैंकर से तेल की सप्लाई मंगवा रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश के 3800 पेट्रोल पंप पर किसी प्रकार की कोई भी स्टॉक की कमी नहीं है। लोगों को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है।
रोहतक में हड़ताल का कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है। यहां पर पेट्रोल पंपों पर रोज की तरह ही लोग पेट्रोल-डीजल लेने आ रहे हैं।
रोहतक में हड़ताल का कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है। यहां पर पेट्रोल पंपों पर रोज की तरह ही लोग पेट्रोल-डीजल लेने आ रहे हैं।
हिट एंड रन कानून के विरोध में प्राइवेट वाहनों की हड़ताल जारी
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Petrol Pumps: मंडियों में भी दिखेगा असर
अगर ड्राइवरों की हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश की मंडियों में भी इसका असर दिखेगा। खासकर सब्जी मंडियों में इसका असर अधिक होगा, क्योंकि अधिकतर सब्जी बाहरी राज्यों से आती हैं। दिल्ली, हिमाचल और अन्य प्रदेशों से वाहनों की संख्या कम होने लगी है। इसके अलावा, जम्मू कश्मीर से मेवों समेत अन्य खाद्यों पदार्थों की आपूर्ति होती है।
हरियाणा में हड़ताल को लेकर सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है। हालांकि ब्यूरोक्रेसी इस पूरे प्रकरण पर अपनी नजर बनाए हुए है।
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गोगी ने कानून को बताया तनाशाही
करनाल के असंध से कांग्रेस विधायक और हरियाणा पेट्रोल पंप एसोसिएशन के पूर्व राज्य प्रधान शमशेर सिंह गोगी का कहना है कि यह कानून तानाशाही का है। अगर ये कानून रहा तो कोई भी गाड़ी नहीं चलाएगा। जब गाड़ी ही नहीं चलेगी तो पेट्रोल पंपों पर तेल कैसे पहुंचेगा। कोई भी नहीं चाहता कि हादसा हो, लेकिन इतनी बड़ी सजा और जुर्माना किसी भी सूरत में व्यावहारिक नहीं है। तुरंत प्रभाव से इसे वापस लिया जाना चाहिए।
हरियाणा के सीएम सिटी करनाल में अभी कुछ पेट्रोल पंपों पर हालात सामान्य हैं। कुछ जगह लोग लाइन लगाकर अपने वाहनों के टैंक फुल करवा रहे हैं।
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Petrol Pumps: इस मामले में वो सबकुछ, जो आपको जानना जरूरी है
हिट एंड रन कानून में क्या बदलाव किया गया है, किस बात का विरोध: संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में ‘लापरवाही से मौत’ में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार यदि चालक के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और ड्राइवर पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है,
तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना। अब तक क्या कानून है: आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान के बाद 304ए (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल सजा का प्रावधान है। वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग जाते थे।
ड्राइवरों की चिंता: मौके पर रहे तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है ।