PM-JAY: आयुष्मान और चिरायु योजना के तहत प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज कराने वाले मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि रोहतक आईएमए ने इलाज में कई मुश्किलें बताकर 15 मार्च से इलाज बंद करने का फैसला लिया है।
सितंबर 2018 में सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत शुरुआत हुई थी। इसके बाद पिछले दिनों चिरायु योजना शुरू की गई। अब इसको लेकर आईएमए ने विरोध शुरू किया है।
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उसका कहना है कि
इसका मरीजों को ज्यादा फायदा तब मिलेगा जब डॉक्टर को इलाज का पूरा भुगतान मिले। आईएमए रोहतक के प्रधान डॉ. रविन्द्र हुडा ने बताया कि कई बार तो 30 से १०% कटौती की जा रही है। इस बात से डॉक्टरों में गुस्सा है।
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उन्होंने बताया कि सरकार ने इसके बजट में बढ़ोत्तरी नहीं की है। पिछले 2 से 3 सालों से अस्पताल के बिलों का भुगतान भी समय पर नहीं किया जा रहा है। बिना किसी ठोस कारण के मनमानी कटौतियां की जा रही हैं। पूछने पर जवाब नहीं मिलता है। मुख्यमंत्री तक से हुई इस मुद्दे पर बात लेकिन, अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं मिला.
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PM-JAY: मंत्री जन आरोग्य
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर और कई नेताओं से भी कई बार इस मुद्दे पर बात हुई है। लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह से आयुष्मान मरीजों को अपनी सेवाएं देने में अस्पतालों का काफी नुकसान हो रहा है और मुश्किलें आ रही हैं।
इस पर आईएमए ने 15 मार्च से योजना के अंतर्गत काम बंद करने का फैसला लिया है। आईएमए रोहतक के सचिव डॉ. अर्जुन नरुला ने अस्पतालों की समस्याओं को खत्म करने पर जोर दिया।
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कांटेक्ट के अनुसार 15 दिन में होना चाहिए भुगतान
आयुष्मान भारत योजना में लगभग लागत पर ही काम कर रहे हैं। कॉन्ट्रेक्ट के हिसाब से भुगतान 15 दिन में हो जाना चाहिए। वरना धनराशि पर ब्याज दिया जाना चाहिए। हालत यह है कि ब्याज तो दूर मूल धनराशि भी महीनों तक नहीं मिलती।