Bleeding during pregnancy: प्रेग्नेंसी कोई आसान समय नहीं होता। इस दौरान गर्भवती महिला को छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इन्हीं में से एक है ब्लीडिंग या स्पॉटिंग। प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में कुछ महिलाओं को हल्का ब्लीडिंग होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ब्लीडिंग होना आम बात है। लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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तो जानिए आपको क्या करना चाहिए?
दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना गर्भपात या किसी दूसरी समस्या का संकेत देता है। कोकिलाबाई धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में गायनोकोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. नेहा पवार के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग को इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं। ऐसा कुछ ही महिलाओं में देखने को मिलता है। अगर आपको भी प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में ब्लीडिंग हो रही है तो जानिए आपको क्या करना चाहिए?
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Bleeding during pregnancy: डॉक्टर से संपर्क करें
प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग होना एक खतरनाक संकेत है। अगर आपको ब्लीडिंग या स्पॉट्स दिखें तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि जब तक टेस्ट न हो जाए, यह बताना मुश्किल है कि यह इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग है या गर्भपात का संकेत है।
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सोनोग्राफी करवाएं
ब्लीडिंग की वजह जानने के लिए डॉक्टर आपको अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कह सकते हैं। इसकी मदद से बच्चे की स्थिति, उसकी हार्ट बीट और उसके आसपास कोई ब्लीडिंग तो नहीं हो रही, यह सब चेक किया जाता है। अगर सब कुछ सामान्य है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। इससे आगे प्रेग्नेंसी में कोई नुकसान नहीं होगा।
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Bleeding during pregnancy: फॉलो-अप है जरूरी
डॉक्टर के मुताबिक, अगर रिपोर्ट में कोई अंदरूनी समस्या नजर आती है, तो फॉलो-अप करवाना जरूरी है। आमतौर पर 2 हफ्ते में दोबारा सोनोग्राफी करवानी पड़ती है। बता दें कि यह फॉलो तब तक जारी रहेगा, जब तक आपकी प्रेग्नेंसी के तीन महीने पूरे नहीं हो जाते।
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Bleeding during pregnancy: ब्लड टेस्ट के साथ आराम भी करें
इस दौरान आप बीटा एचसीजी नामक ब्लड टेस्ट भी करवा सकती हैं। यह प्रेग्नेंसी की स्थिति और बच्चे के स्वास्थ्य की पहचान करने में मददगार होता है। इसके अलावा, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान गर्भवती महिला को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। आराम करने से स्थिति में सुधार की संभावना बढ़ जाती है। शुरुआती दौर में ब्लीडिंग से बचने के लिए डॉक्टर लंबी दूरी की यात्रा न करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, कोई भी भारी काम करने से बचना चाहिए।