Chandigarh Municipal Corporation: चंडीगढ़ नगर निगम ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। जो फोन पर पानी का बिल और पानी की बर्बादी कहां हो रही है, इसकी जानकारी देगा। जिसे लागू करने की तैयारी निगम कर चुका है। उसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
ग्राहकों के खर्च होंगे अब कम
कजौली वाटर वर्क से सप्लाई को दुरुस्त करने के 67 करोड़ के प्रोजेक्ट में कंज्यूमर फ्रेंडली वाटर जैम सॉफ्टवेयर भी लगाया जाएगा। प्रोजेक्ट में निगम ही नहीं बल्कि ग्राहकों के खर्च को कम करने वाला सिस्टम भी अलग से तैयार किया है। ये सिस्टम मेन लाइन में लीकेज के साथ ही हर घर में पानी की बर्बाद की जानकारी भी देगा। इस काम के लिए स्मार्ट फ्लो मीटर लगाकर हर घर में पानी की बर्बादी को भी रोकने में मदद मिलेगी।
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Chandigarh Municipal Corporation: क्या बोले निगम कमिश्नर और चीफ इंजीनियर?
नगर निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्र ने बताया कि पार्कों और लॉन के लिए टर्शरी वाटर की सप्लाई होती है। अब नए प्रोजेक्ट में न सिर्फ पीने की पानी की पाइप लाइन को बदला जा रहा है। बल्कि टर्शरी वाटर को सप्लाई करने के लिए शहर में बिछी 163 किमी पाइप लाइन को भी बदला जाएगा।
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वहीं नगर निगम के इंजीनियर एन पी शर्मा ने कहा इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ 24 घंटे सप्लाई नेटवर्क, बल्कि बर्बादी को रोक ग्राहक को हर हालत में साफ पानी देना भी प्राथमिकता है। पहली और आखिरी प्राथमिक तो ग्राहक ही है। पूरे सिस्टम पर कंज्यूमर फ्रेंडली बनाया जा रहा है।
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15 जुलाई से काम शुरू हो जाएगा
पूरे प्रोजेक्ट में शहर के पार्कों में पूरी तरह से सिर्फ टर्शरी वाटर की सप्लाई की दी जाएगी। टर्शरी वाटर की सप्लाई करने वाली 173 किलोमीटर पाइप लाइन बदलकर कम से कम 20 से 25 एमजीडी साफ पानी बचाया जा सकेगा। पूरे नए सिस्टम के टैंडर- अलॉट कर संभवत 15 जुलाई से काम शुरू हो जाएगा।
Chandigarh Municipal Corporation: वाटर वर्क पर जैम सॉफ्टवेयर होगा
संबंधित वाटर वर्क से ऐसी पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जो सिर्फ एक ही सेक्टर को आपूर्ति करेगी।
वहीं, हर वाटर वर्क पर जैम सॉफ्टवेयर होगा, जो सेक्टर ही नहीं बल्कि हर घर को होने वाली सप्लाई का
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पता आसानी से लगा लेगा। इसी प्रक्रिया में ही लाइन की लीकेज के साथ निजी कनैक्शन में बर्बादी का
पता भी चल सकेगा। अभी कजौली से आपूर्ति का 35 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो रहा है। नए प्रोजेक्ट में
इसे कम कर 20 फीसदी तक लाना है।
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सबसे पहले मेन लाइन पर फ्लो मीटर लगेंगे
शहर के एक लाख 76 हजार ग्राहकों को दोहरा फायदा मिल सकेगा। सबसे पहले हर वाटर वर्क से
सेक्टरों में घरों के आगे बिछी गेलवलाइज्ड पाइप लाइन हटाई जाएंगी। पहले मेन लाइन पर फ्लो मीटर
लगेंगे, जो ये बताएंगे कि लीकेज कहां है।
हर सैक्टर को वाटर जैम सॉफ्टवेयर से जोड़ हर ग्राहक के कनैक्शन के लिए स्मार्ट मीटर लगेंगे। इन मीटर
की मदद से पता चल जाएगा कि किस घर के अंदर लीकेज से पानी की कितनी बर्बादी हो रही है। ग्राहक को
फोन पर लीकेज और बिल को लेकर सूचित किया जाएगा।