Ayurvedic Medicine: आयुर्वेद का जन्म पुरातन भारत में हुआ है। भारतवासी गंभीर से गंभीर बीमारियों के उपचार में लंबे समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्रयोग करते रहे हैं। आयुर्वेद में रोगों को दूर करने के लिए विभिन्न वनस्पतियों का उपयोग किया जाता है।
इसलिए भारत में कई वनस्पतियां और जड़ी बूटियां विभिन्न बीमारियों के इलाज में प्रयुक्त होती हैं। प्रत्येक वानस्पतिक औषधि का अपना अलग-अलग लाभ है। लेकिन कुछ वानस्पतिक जड़ी बूटियां मानव जीवन के लिए बहुत अच्छी हैं। जिनके उपयोग से शरीर में होने वाले कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
आज हम आपको एक प्राकृतिक औषधि बताने जा रहे हैं जो मुख्यतः वनस्पति से प्राप्त होती है हां, हम औंघा या अपामार्ग की बात कर रहे हैं। जो बोलचाल में लटजीरा कहलाता है।
यह पौधा अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में खरपतवार के रूप में पाया जाता है। इस पौधे का प्रत्येक हिस्सा लाभदायक है। इस कटीले पौधे की खास बात यह है कि इसके कांटे आपके हाथ, पैर और कपड़े पर चिपक जाते हैं।
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बीमारियों को दूर करने में प्रयोग
डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, एक आयुर्वेदिक चिकित्सक, बताते हैं कि अपामार्ग यानी लटजीरा ग्रामीण क्षेत्र में पाया जाता है। जो आम लोग खरपतवार कहते हैं।
किंतु आयुर्वेद इसे हमारे शरीर में होने वाले कई बीमारियों को दूर करने में उपयोग करता है। परंतु इस पौधे की जड़, जो दांतों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, सबसे अच्छी है।
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Ayurvedic Medicine: इसकी दातून करने से मिलते है कई फायदे
रायबरेली के आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्साधिकारी डॉ. स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि औंघा यानी की अपामार्ग को लोग खरपतवार के नाम से जानते हैं।
लेकिन यह एक औषधीय पौधा है। जो आयुर्वेद में कई बीमारियों को दूर करता है। साथ ही, वह बताती है कि सुबह इसकी जड़ को दातुन करना हमारे दांतों के लिए बहुत अच्छा होता है।