Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में धारी गोटे उरारबागी के जंगलों में आतंकवादियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस यहां सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी।
सर्चिंग के दौरान आतंकी फायररिंग करते हुए भागे। जवानों ने उनका पीछा किया। घना जंगल होने की वजह से आतंकी सुरक्षाबलों को चकमा देते रहे। सोमवार रात 9 बजे के आसपास फिर गोलीबारी हुई। इसमें 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से चार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
जम्मू डिवीजन के डोडा में 34 दिन में यह पांचवां एनकाउंटर है। इससे पहले 9 जुलाई को एनकाउंटर हुआ था। यहां 26 जून को एक हमला और 12 जून को दो हमले हुए थे। सभी हमलों के बाद मुठभेड़ हुई थी।
केन्या पुलिस ने एक खूंखार सीरियल किलर को गिरफ्तार किया!
- Advertisement -
डोडा डिविजन में 34 दिन में एनकाउंटर
पहला एनकाउंटर- तारीख: 11 जून, रात 1-2 बजे
आतंकियों ने डोडा के भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की जॉइंट चेकपोस्ट पर फायरिंग की। 5 जवान और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स (जेईएम/जैश) ने ली।
Jammu and Kashmir: दूसरा एनकाउंटर- तारीख: 12 जून, रात 8:20 बजे
डोडा के गंडोह में कोटा टॉप में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप
(SOG) के कॉन्स्टेबल फरीद अहमद जख्मी हो गए। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज
डोडा में भर्ती कराया गया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।
- Advertisement -
अमिताभ बच्चन ने रजनीकांत को पैर छूने से रोका
तीसरा एनकाउंटर- तारीख: 26 जून, सुबह 9:50 बजे
3 आतंकी मारे गए, डोडा जिले के गंडोह इलाके में 26 जून को सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया
था। सुबह 2-3 आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन लॉन्च
- Advertisement -
किया था, जिसके बाद सुबह 9.50 बजे एनकाउंटर शुरू हुआ था। इस एनकाउंटर में जम्मू-कश्मीर पुलिस
में तैनात स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप का जवान भी घायल हुआ था।
Jammu and Kashmir: चौथा एनकाउंटर- तारीख: 9 जुलाई, शाम करीब 5 बजे
किसी आतंकी के मरने की खबर नहीं, डोडा के गढी भगवा इलाके में शाम को शुरू हुए एनकाउंटर में सेना
और आंतकियों की तरफ से लगातार फायरिंग हुई। इलाके में 2-3 आतंकियों के फंसे होने की आशंका थी।
मुठभेड़ रुकने तक किसी आतंकी के मरने की खबर नहीं मिली।