Badnam Street: मुजफ्फरपुर का चतुर्भुज स्थान प्रसिद्ध चतुर्भुज मंदिर और साहित्यकार पंडित जानकी बल्लभ शास्त्री जैसे महान व्यक्तित्व के कारण प्रसिद्ध होना चाहिए था, लेकिन इस क्षेत्र में रेड लाइट एरिया के कारण यह बदनाम हो गया है। एक समय था जब इस क्षेत्र के लोग अपनी आवासीय पहचान तक छिपा कर रखते थे।
पुलिस की गाड़ी के सायरन की आवाज सुनकर लोग अपने घरों के गेट और खिड़कियां बंद कर लेते थे. लेकिन अब इस रेड लाइट एरिया की महिलाएं अपनी अलग पहचान बना रही हैं. इसमें उन्हें स्थानीय पुलिस का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. इसी समुदाय की सामाजिक कार्यकर्ता नसीमा खातून की पहल पर अन्य महिलाएं एकजुट होकर थाने में कपड़े बना रही हैं और अपनी पहचान बदलने के साथ-साथ अपने परिवार का भविष्य भी बना रही हैं।
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Badnam Street: नवरात्र शुरू हो गए
इस बदलाव की शुरुआत पिछले साल खोइछा के निर्माण से हुई थी, जिसे नवरात्रि के दौरान भगवती को
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चढ़ाया जाता था। अब यहां की महिलाएं और लड़कियां बैग, ब्लाउज, पेटीकोट के साथ-साथ कई अन्य
रेडीमेड परिधान उत्पाद भी बना रही हैं। नसीमा बताती हैं कि पहले यह काम एक छोटे से कमरे में होता था। लेकिन अब मुजफ्फरपुर पुलिस खासकर सिटी एसपी अवधेश दीक्षित की मदद से इन सभी को कन्हौली स्थित थाने में जगह दी गयी है. कुछ सिलाई मशीनें भी दी गईं. इससे महिलाओं का काम काफी आसान हो गया. इसी वजह से महिलाओं द्वारा बनाए गए रेडीमेड कपड़ों का कारोबार तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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प्रारंभ में महिलाएँ कम संख्या में थीं
सामाजिक कार्यकर्ता नसीमा कहती हैं कि पहले जब भी इस इलाके की बात होती थी तो लोग
गलत बातें कहते थे. लेकिन, स्थानीय पुलिस की लगातार पहल के बाद महिलाएं भी जागरूक
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हो रही हैं और बदलाव ला रही हैं. उन्होंने बताया कि शुरुआत में महिलाओं की संख्या कम थी.
लेकिन, जैसे-जैसे कारवां बढ़ता गया, अन्य महिलाएं भी हमारे साथ जुड़ने लगीं। अब शहर
के सबसे बड़े कपड़ा बाजार सुतापट्टी में भी उनके उत्पादों के सैंपल लिये जा रहे हैं. इसके अलावा
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बाहर से भी ऑर्डर मिल रहे हैं. ये महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनकर सम्मान से जीना चाहती हैं।