Bhupendra Hooda: हरियाणा की करनाल विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. हरियाणा के नए सीएम नायब सैनी यहां से उपचुनाव लड़ रहे हैं. सैनी फिलहाल कुरूक्षेत्र से सांसद हैं लेकिन उन्हें मनोहर लाल खट्टर की जगह सीएम बनाया गया था. इसे लेकर कांग्रेस में असमंजस की स्थिति है. हालांकि, इसमें दिलचस्प मोड़ तब आया जब पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा (Bhupendra Hooda) ने यहां से अपने करीबी त्रिलोचन सिंह का नामांकन दाखिल कराया. नामांकन दाखिल करते समय हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान भी मौजूद रहे।
लेकिन, त्रिलोचन के नामांकन के साथ कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी का पत्र संलग्न नहीं किया गया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या लोकसभा टिकट बंटवारे में अपनी भूमिका के बाद क्या हुड्डा गुट ने यहां भी पार्टी पर दबाव बनाने की राजनीति की है. इस सीट के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 6 मई है. त्रिलोचन सिंह ने कहा कि वह 6 मई तक पार्टी का औपचारिक पत्र चुनाव आयोग को दे देंगे. अगर नहीं दे पाए तो अपना नामांकन वापस ले लेंगे.
Bhupendra Hooda: क्या कहते हैं विधायक शमशेर गोगी
इस संबंध में जब कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि त्रिलोचन सिंह पार्टी के उम्मीदवार होंगे. हुड्डा और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने उनका नामांकन कराया है. उन्हें छह मई से पहले पार्टी की ओर से अधिकृत पत्र मिल जाएगा. उसके बाद वह इसे चुनाव आयोग को सौंप देंगे. कांग्रेस में कोई गुट नहीं है, हम साथ हैं और पार्टी करनाल से उपचुनाव और लोकसभा चुनाव भी जीत रही है।
2019 में त्रिलोचन को 34 हजार 718 वोट मिले
त्रिलोचन सिंह कांग्रेस नेता हैं जो दूसरी बार सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। फिलहाल वह कांग्रेस में करनाल जिले के कोऑर्डिनेटर हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में त्रिलोचन सिंह ने मुख्यमंत्री और बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में मनोहर लाल को 79 हजार 906 वोट मिले, जबकि त्रिलोचन सिंह 34 हजार 718 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे.
Bhupendra Hooda: 63 हजार से ज्यादा पंजाबी वोटर
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल आरपी सैनी के मुताबिक त्रिलोचन सिंह पंजाबी चेहरा हैं और करनाल में करीब 63 हजार पंजाबी वोटर हैं. कांग्रेस ने पंजाबी कार्ड खेला है तो बीजेपी ने नायब सैनी के जरिए ओबीसी वोटरों को लुभाने की कोशिश की है और सैनी के जरिए ओबीसी वोटर बीजेपी के पक्ष में आएंगे और पूर्व सीएम मनोहर लाल को लोकसभा उम्मीदवार बनाने से पंजाबी वोटर उनके पक्ष में होंगे. बीजेपी ने एक प्रयास किया है.
ऐसे में बीजेपी ने भी अपनी भूमिका निभाई है और कांग्रेस ने भी अपनी भूमिका निभाई है. इसमें दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के लोकसभा और विधानसभा दोनों उम्मीदवार पंजाबी समुदाय से हैं. ऐसे में कौन सा प्रत्याशी कितने वोट पाने में सफल होगा और किसके खाते में जाएगा, यह 4 जून को पता चलेगा.
त्रिलोचन लखपति, पत्नी करोड़पति, दोनों पर 11.5 लाख रुपये का कर्ज है
2019 विधानसभा चुनाव में दाखिल नामांकन के मुताबिक, 2014-15 में त्रिलोचन सिंह की आय 79 हजार 210 रुपये थी और 2018-19 तक यह बढ़कर 3 लाख 72 हजार रुपये हो गई. वहीं उनकी पत्नी हरमिंदर कौर की आय 2014-15 में 2 लाख 48 हजार 400 रुपये थी, जो 2018-19 में बढ़कर 3 लाख 59 हजार 372 रुपये हो गई. त्रिलोचन सिंह के पास 130 ग्राम वजनी आभूषण थे, जिनकी कीमत करीब 5 लाख 30 हजार रुपये थी.
उनकी पत्नी के पास 200 ग्राम आभूषण थे, जिनकी कीमत करीब 7 लाख 65 हजार रुपये थी. उनके नाम पर 3 लाख 62 हजार रुपये का कार लोन और उनकी पत्नी के नाम पर 5 लाख 65 हजार रुपये का होम लोन चल रहा था. उनके पास 24 लाख 89 हजार रुपये की चल संपत्ति थी और उनकी पत्नी के पास 10 लाख 65 हजार रुपये की चल संपत्ति थी और उनके पास 9 लाख रुपये की अचल संपत्ति थी और उनकी पत्नी के पास 11 लाख रुपये की अचल संपत्ति थी।
त्रिलोचन सिंह की आय में वृद्धि हुई
वर्ष 2020 के बाद त्रिलोचन सिंह की आय में वृद्धि हुई है। 2019-20 में उनकी आय 3.72 लाख रुपये थी और 2023-24 तक उनकी आय 4.90 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी। उनकी पत्नी की आय 2019-20 में 3.49 लाख रुपये थी, जो अब 2023-24 में बढ़कर 4 लाख 87 हजार रुपये हो गई है. फिलहाल उनके पास 42.5 हजार रुपये और उनकी पत्नी के पास 58 हजार रुपये नकद हैं.
त्रिलोचन सिंह के बैंक खाते में 25 हजार रुपये और पत्नी के खाते में 1900 रुपये जमा हैं. फिलहाल उनके पास दो कारें हैं. उनके पास 80 ग्राम सोना और उनकी पत्नी के पास 90 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत क्रमश: 4.80 लाख रुपये और 5.40 लाख रुपये है. त्रिलोचन सिंह के पास 26.50 लाख रुपये और उनकी पत्नी के पास 2.79 करोड़ रुपये की संपत्ति है. त्रिलोचन पर 5.39 लाख रुपये और उनकी पत्नी पर 6.17 लाख रुपये का कर्ज है.