Bihar: बिहार के पुलिस विभाग के सुपर काक माने जाने वाले शिवदीप वामन लांडे के सुपर एक्शन ने फिर एक बार पुलिस विभाग की टेंशन बढ़ा दी है। 26 जुलाई को तनिष्क लूट कांड के मामले में बरती गयी लापरवाही को लेकर आइजी शिवदीप वामन लांडे ने घटनास्थल जिस थाना क्षेत्र में पड़ता है, उसके थाना अध्यक्ष सहित थाना में पदस्थापित सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों को इस मामले में लापरवाह मानते हुए निलंबित करने की बात कही है।
आइजी ने इस मामले में पूर्णिया एसपी से स्वंय जांच कर इस मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। आइजी ने इस मामले में एसपी को भेजे गए पत्र में सहायक खजांची के थाना अध्यक्ष शशि भगत की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाया है। इसके अलावा, इस मामले की जांच में सदर डीएसपी पुष्कर कुमार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्यों नहीं उनके द्वारा बरती गयी लापरवाही के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाए।
अपने पत्र में आइजी ने साफ किया है कि तनिष्क शो रूम में लूट की घटना के दो माह बीत जाने के बाद भी लूट का माल बरामद करने के मामले में पुलिस एक हीरे का अगूंठी बरामद कर पायी है, जो बरामदगी के नाम पर एक मजाक है।
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गश्ती वाहन की भूमिका पर आइजी ने उठाया सवाल
एसपी को लिखे पत्र में आइजी ने कहा है की तनिष्क शो रूम में लूट की घटना दिन के बारह बजे के आसपास हुई। दर्ज प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख किया गया है की दिनदहाड़े शो रूम के कर्मियों को बंधक बनाकर तीन करोड़ 70 लाख के जेवरात लूट लिए गए।
इसके अलावा, एक कर्मी को दे सिम लगा हुआ मोबाइल फोन भी अपराधियों ने लूट लिया। आइजी (Bihar) ने कहा है की तनिष्क शो रूम शहर के बीचो- बीच एक भीड़ भाड़ वाले इलाके में स्थित है।
जिस तरह से अपराधियों ने इस लूट की घटना को अंजाम दिया उस थाना के थाना अध्यक्ष सहित सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
जबकि, सहायक खजांची थाना में पुलिस के गश्ती के लिए चार पहिया वाहन के अलावा दो पहिया वाहन भी पुलिस
को गश्त के लिए उपलब्ध थी। लेकिन, तनिष्क में लूट की घटना के वक्त आसपास किसी भी तरह का पुलिस गश्ती
वाहन नहीं पायी गयी।
आइजी ने कहा है की घटना के दो माह बीत जाने के बाद भी इस मामले में 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी दो देशी
कट्टा चार मोटरसाइकिल के अलावा के अलावा लूटी गयी एक हीरे की अगूंठी बरामद की गयी है।
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Bihar: पुलिस मुख्यालय ने आइजी को मामले की समीक्षा का दिया था निर्देश
आइजी ने पूर्णिया एसपी को लिखे पत्र में कहा है की बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की समीक्षा इस मामले
को निष्कर्ष तक पहुंचाने का निर्देश दिया था। जिसके आलोक में ज्ञापांक 2278 दिनांक 26. 08. 2024के माध्यम
से इस मामले में प्रतिवेदन मांगा था जो अबतक अप्राप्त है।
आइजी ने पत्र में कहा है की इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद इस तरह का उदासीन रवैया थाना
अध्यक्ष , सहायक थाना अध्यक्ष थाना के सभी पदाधिकारी एवं पुलिस कर्मी के मनमाने पन
रवैये को दर्शाता है।
इसके साथ ही थाना अध्यक्ष का अपने क्षेत्र में आसूचना संकलन में भी विफल है एवं थाना क्षेत्र में
अपराध नियंत्रण में भी इनकी रूचि नहीं है।
इस मामले में क्यों नहीं थाना अध्यक्ष सहित थाना के सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन की
कार्रवाई की जाए।
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Bihar: सदर डीएसपी की भूमिका पर भी उठाए सवाल
आइजी ने कहा है की सदर पुलिस उपाधीक्षक पुष्कर कुमार की भूमिका भी संदिग्ध है। उनके
पास इस घटना का ना तो पूर्वाभाष था और ना ही उनका अपने अधीनस्थ पुलिस पदाधिकारियों
पर किसी तरह का कोई नियंत्रण है।
इसके अलावा, घटना घटित होने के बाद उनके द्वारा कांड में लूटे गए ज्वेलरी की बरामदगी में
कोई रूचि नहीं दिखाया गया है जो खेदजनक है।
इनके कार्य की प्रति उदासीनता, नेतृत्व की अक्षमता, एवं संदिग्ध आचरण को लेकर क्यों ना
इसके विरूद्ध मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाए। आइजी ने इन सभी मामलों में एसपी से
रिपोर्ट मांगी है।