Greater Israel: एक साथ कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहे इजरायल ने अपनी हवाई ताकत और टेक्नोलॉजी के दम पर दुश्मनों के खेमों में कहर मचा रखा है। एक साल के युद्ध में गाजा लगभग पूरी तरह से तबाह हो चुका है। लेबनान में वह लगातार बम बरसा रहा है और ईरान से वह सीधा लोहा लेने के मूड में नजर आ रहा है।
लाखों की संख्या में लोग विस्थापित हो चुके हैं लेकिन इजरायल रुकने को तैयार नहीं है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान नेतन्याहू ने कहा कि हम इस जंग के बाद भी गाजा हमास को नहीं सौपेंगे। उनके इस बयान के बाद इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की तरफ से भी कहा गया कि यह सही समय है कि मिडिल ईस्ट का नक्शा बदल दिया जाए। इन बयानों के साथ ही यह चर्चा भी तेज हो गई कि क्या दुनिया भर की मनाही के बावजूद भी वह ग्रेटर इजरायल की राह पर आगे बढ़ चुका है।
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ग्रेटर इजरायल का सपना देखना कोई नया नहीं
मिडिल ईस्ट में अमेरिका के सपोर्ट और अपनी सैन्य ताकत के बल पर कई बार अपने पड़ोसियों के खिलाफ जंग लड चुके इजरायल के लिए ग्रेटर इजरायल का सपना देखना कोई नया नहीं है। ग्रेटर इजरायल की सबसे पहली कल्पना आधुनिक यहूदीवाद के जनक थियोडोर हर्जल ने की थी। हर्जल की इस ग्रेटर इजरायल की कल्पना में फिलिस्तीन, लेबनान, सऊदी अरब के अलावा 6 देशों के क्षेत्र शामिल हैं।
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Greater Israel: क्या है ग्रेटर इजरायल का प्लान?
थियोडोर के मुताबिक, उनका ग्रेजर इजरायल (Greater Israel) नील नदी से लेकर पश्चिम एशिया की फरात नदी तक फैला हुआ है। इस पूरे क्षेत्र में फिलहाल 8 से ज्यादा देश हैं। इनमें से लगभग सभी के साथ इजरायल कभी ना कभी युद्ध कर ही चुका है। आपको बता दें कि जब इजरायल को बनाया गया था तब उसका आकार बहुत छोटा था लेकिन तमाम युद्धों के बाद इजरायल ने फिलिस्तीन और अन्य देशों की जमीनों पर कब्जा कर लिया।
कुछ को वापस लौटा दिया लेकिन कुछ को अपने पास भी रखा। वर्तमान में इजरायल का नक्शा जो हम देखते हैं उसमें अन्य देशों की जमीन पर किया गया कब्जा भी शामिल है। इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक, इजरायल मिडिल ईस्ट में अमेरिका के हितों की रक्षा करता है ऐसे में ग्रेटर इजरायल के सपने को अमेरिका भी अंदर खाने सपोर्ट करता नजर आता है। थियोडोर की तरफ से जिस ग्रेटर इजरायल की परिकल्पना की गई थी उसमें लेबनान, फिलिस्तीन, तुर्की, जॉर्डन, सीरिया, सऊदी अरब और इराक जैसे देश भी शामिल है।
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Greater Israel: क्या नेतन्याहू पूरा कर पाएंगे ग्रेटर इजरायल का सपना?
वर्तमान की परिस्थितियों के हिसाब से नेतन्याहू ग्रेटर इजरायल के सपने के आसपास भी नहीं हैं। जॉर्डन
उनके मित्र देश की भूमिका निभाता है उसने ईरान द्वारा हमला किए जाने पर इजरायल की सहायता के
लिए ईरान की मिसाइलों को मार गिराया था। वहीं सऊदी पिछले साल 7 अक्टूबर के पहले इजरायले
के साथ समझौता करके शांति का रास्ता अपनाने की कोशिश कर चुका है। वहीं अन्य देश भी
इजरायल को एक देश के रूप में मान्यता देने की वकालत करते हुए नजर आते हैं।हालांकि इस
मामले को और ज्यादा तूल तब मिला था जब नेतन्याहू ने यूएन महासभा में एक नक्शा दिखाया था,
जिसमें वेस्ट बैंक और गाजा समेत पूरा फिलिस्तीन इजरायल का हिस्सा दिखाया गया था। लगभग
सात मोर्चों पर युद्ध लड़ रहे इजरायल के लिए यह करना आसान नहीं होगा।
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अमेरिका भी इजरायल को बिना शर्त देता है समर्थन
हाल ही में जब फ्रांस के राष्ट्रपति ने इजरायल को हथियार देने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया तो
नेतन्याहू ने अपना पक्ष बताते हुए कहा कि हम अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर हम इन
आतंकवादियों के खिलाफ नहीं लड़ते हैं तो फिर से वही होगा जो पिछले साल 7 अक्तूबर को हुआ था।
इजरायल पहले भी युद्ध के समय दूसरे देशों की जमीनों पर कब्जा कर चुका है। हालांकि वह समय
के साथ उन जमीनों को वापस भी कर देता है। मिडिल ईस्ट में मजबूत इजरायल का होना अमेरिका
के लिए बहुत जरूरी है इस कारण से अमेरिका भी इजरायल को बिना शर्त समर्थन देता है।