Heart: अक्सर सुना होगा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए पानी पीना बहुत जरूरी होता है. बहुत से लोग कहते हैं कि दिन भर में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए. कुछ लोग कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए रोज कम से कम 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए.
खैर, मोटे तौर पर देखा जाए तो पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद तो होता ही है. लेकिन जैसे ही बात हार्ट के मरीजों की आती है, यहां ये नियम काम नहीं करता है और पानी कम पीने का सुझाव दिया जाने लगता है.
ये बात मैं नहीं कह रहा हूं खुद एक्सपर्ट्स बताते हैं. इसलिए आइये जानते हैं कि दिल के मरीजों को क्यों कम पानी पानी चाहिए? और स्वस्थ रहने के लिए दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए?
केवल 50 रुपए में घर आएगा नया पैन कार्ड, जानें पूरी जानकारी
- Advertisement -
क्यों पीना चाहिए कम पानी?
दरअसल, एक्सपर्ट्स के अनुसार दिल के मरीजों को ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए, इससे उनके हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है. और सिर्फ पानी ही नहीं कोई भी पेय पदार्थ( जूस, दूध) कम पीना चाहिए.
ऐसा इसलिए क्योंकि हार्ट के मरीजों को ज्यादा पानी पीने से पानी जमा होने लगता है जिससे पैर, जांघ, और कमर में सूजन होने लगती है, जिसके वजह से आपके दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. इतना ही नहीं फेफड़ों में भी पानी जमा होने की आशंका बढ़ जाती है जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी हो सकती है.
बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है सरकार- हरविंद्र कल्याण
Heart: कितना पानी पीना चाहिए?
वैसे तो एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 7-8 गिलास पीना चाहिए. लेकिन हार्ट के मरीजों को सर्दियों में दिन भर में डेढ़ लीटर पानी पीना चाहिए. वहीं गर्मी के मौसम में कम से कम दो लीटर पानी पीना चाहिए.
दिल के मरीजों को पानी को एक बार में नहीं बल्कि पार्ट-पार्ट में पीना चाहिए. यानी की एक सीमित अंतराल में पीना चाहिए. एक बार में ज्यादा पानी पीने से दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
- Advertisement -
Hero की ये बाइक 21 दिन बाद होगी लॉन्च, Royal Enfield के लिए बनेगी खतरा
Heart: कब होता है क्रोनिक डिहाइड्रेशन?
अगर 6 महीनों से लगातार शरीर में पानी की कमी बनी हुई है तो इससे क्रोनिक हाइपोटेंशन की समस्या हो सकती है. हाइपोटेंशन को और सरल भाषा में कहें तो ब्लड प्रेशर लो होना.
अगर शरीर में 2 से 5 प्रतिशत के बीच पानी की कमी है तो इसे माइल्ड डिहाइड्रेशन कहते हैं. वहीं अगर 5 प्रतिशत से ज्यादा पानी की कमी हुई है तो इसे क्रोनिक डिहाइड्रेशन कहा जाएगा.