Islamabad: पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने इमरान खान को जेल से रिहा करने का दबाव बनाने के उद्देश्य से पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (PTI) द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने की योजना को विफल करने के लिए देश की राजधानी इस्लामाबाद को शुक्रवार को सील कर दिया। विरोध प्रदर्शन का आह्वान क्रिकेटर से नेता बने 71 वर्षीय खान ने किया था, जो एक वर्ष से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से राजधानी के प्रतिष्ठित डी-चौक पर एकत्र होकर विरोध दर्ज कराने को कहा। यह वही जगह है जहां खान ने 2014 में चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ 126 दिनों तक धरना किया था।
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रावलपिंडी में भी धारा 144 लागू की गई
सरकार ने शहर में धारा 144 लागू कर सभी तरह के विरोध प्रदर्शनों एवं सभाओं पर रोक लगा दी और राजधानी के सभी प्रमुख प्रवेश बिंदुओं को अवरुद्ध कर दिया। दोपहिया वाहनों पर पीछे की सीट पर बैठने पर भी दो दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया और इस्लामाबाद एवं रावलपिंडी के बीच मेट्रो बस सेवा को निलंबित कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद की सीमा से लगे रावलपिंडी में प्रवेश करने से रोकने के लिए भी इसी तरह के कदम उठाए गए। रावलपिंडी में भी धारा 144 लागू की गई और शहर की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया है। शांति बनाए रखने और राजधानी को सील करने के लिए लगाए गए अवरोधों को पार करने से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अर्धसैनिक रेंजर एवं पुलिस को तैनात किया गया है।
Islamabad: पकड़े गए लोगों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं और उन्हें इस्लामाबाद में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मलेशिया के प्रधानमंत्री के शहर में होने और सरकार के 15-16 अक्टूबर को एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित करने की तैयारियों के मद्देनजर मंत्री ने PTI से अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित करने का आग्रह किया। नकवी ने कहा, ‘‘पकड़े गए लोगों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।” उन्होंने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर द्वारा ऐसी कार्रवाइयों का समर्थन करना अनुचित है। गंडापुर ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने और सभी अवरोधों को पार करके विरोध स्थल तक पहुंचने की घोषणा की है।
इस्लामाबाद के डी-चौक तक पहुंचने का संकल्प लिया
इस बीच, ‘डॉन’ समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से बताया कि खान को मुख्यमंत्री गंडापुर ने विरोध
प्रदर्शन स्थगित करने का संदेश भिजवाया और पीटीआई संस्थापक ने जवाब दिया कि अगर
सरकार 25 अक्टूबर तक संवैधानिक संशोधनों को स्थगित करने पर सहमत हो जाती है तो उनकी
पार्टी प्रदर्शन स्थगित कर देगी। मुख्यमंत्री गंडापुर ने सरकार तक यह संदेश पहुंचा दिया है
लेकिन उन्हें कथित तौर पर कोई जवाब नहीं मिला। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री गंडापुर ने एक वीडियो
संदेश जारी कर किसी भी कीमत पर इस्लामाबाद (Islamabad) के डी-चौक तक पहुंचने का
संकल्प लिया। पीटीआई ने दावा किया कि पार्टी के खिलाफ कार्रवाई में उसके दर्जनों
कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।