Jammu Kashmir Chunav 2024: जम्मू-कश्मीर के मीडिया प्रभारी सज्जाद ने बताया– 44 उम्मीदवारों की पिछली सूची टाइपिंग एरर के कारण रद्द की गई है। नई सूची जल्द ही जारी की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 3 चरणों में मतदान होंगे। नतीजे 4 अक्टूबर 2024 को आएंगे। जीत के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 है।
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आरपी सिंह-शाजिया इल्मी मीडिया कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में मीडिया समन्वय के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह और शाजिया इल्मी को नियुक्त किया है। इसके अलावा, पंजाब राज्य मीडिया संयोजक विनीत जोशी भी जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए मीडिया समन्वय टीम का हिस्सा होंगे।
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Jammu Kashmir Chunav 2024: भाजपा से पहले 3 पार्टियां जारी कर चुकीं लिस्ट
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 25 अगस्त को जारी की। लिस्ट में 13 नामों का ऐलान किया गया है। पार्टी ने गांदरबल में नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सामने कैसर सुल्तान गनई को उतारा है। वहीं, पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी को डोडा पूर्व और राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल असलम गनी को भद्रवाह से प्रत्याशी बनाया है।
आम आदमी पार्टी (AAP): AAP की पहली लिस्ट जारी हो गई है। सात उम्मीदवारों के नाम हैं। पार्टी ने पुलवामा से फैयाज अहमद सोफी, राजपुरा से मुद्दसिर हुसैन, देवसर से शेख फिदा हुसैन, डोरू से मोहसिन शफकत मीर, डोडा से मेहराज दीन मलिक, डोडा वेस्ट से यासिर शफी मट्टो और बनिहाल से मुदास्सिर अजमत मीर को टिकट दिया है।
बैन जमात-ए-इस्लामी पार्टी: जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी पार्टी के नेता 7 सीटों पर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
गुलाम कादिर वानी के नेतृत्व वाली पार्टी को 2019 में केंद्र सरकार ने UAPA एक्ट 1967 के तहत गैरकानूनी
संगठन घोषित कर बैन कर दिया था। इस साल फरवरी में प्रतिबंध 5 साल बढ़ा दिया गया। पार्टी कुलगाम,
देवसर, अनंतनाग-बिजबेहरा, शोपियां-ज़ैनपोरा, पुलवामा, राजपोरा और त्राल सीटों पर अपने उम्मीदवार
उतारेगी।
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आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे
आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार
बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल
शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी।
इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित
प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा
चुनाव हो रहे हैं।