JJP MLA: हरियाणा में अल्पमत सरकार को बचाने के लिए बीजेपी ने नया गेम तैयार किया है. बीजेपी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, सरकार को गिरने से रोकने के लिए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के 3 बागी विधायक इस्तीफा दे सकते हैं. इनमें देवेन्द्र बबली, रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, ये सारी रणनीति गुरुवार को पानीपत में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई बैठक के बाद तैयार की गई है. जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि अगर फ्लोर टेस्ट या अविश्वास प्रस्ताव आता है तो विपक्ष के गणित को फेल करने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है.
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JJP MLA: औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया
चूंकि हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता हैं, इसलिए तीनों विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके बाद हरियाणा विधानसभा में 88 में से 85 विधायक बच जाएंगे और बीजेपी के पास पूरे विपक्ष से एक विधायक ज्यादा रह जाएगा. इसके बदले में तीनों विधायकों को 6 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट मिल सकता है. हालांकि, बागी जेजेपी विधायक या बीजेपी की ओर से इस बारे में औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.
कांग्रेस ने सरकार के अल्पमत में होने का हवाला देते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने का समय मांगा है. हालांकि, राज्यपाल कार्यालय से अभी तक कांग्रेस विधायक दल को यह समय नहीं मिला है. हालांकि, कांग्रेस विधायक दल के उपनेता विधायक आफताब अहमद और विधायक बीबी बत्रा चंडीगढ़ पहुंच गए हैं.
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3 जेजेपी विधायकों के इस्तीफे से कैसे बचेगी सरकार?
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 विधायक हैं. फिलहाल 2 सीटें खाली हैं. फिलहाल 88 विधायक हैं. बीजेपी के पास 43 विधायक हैं जिनमें 40 अपने, 2 निर्दलीय और 1 हलोपा विधायक शामिल हैं. जबकि विपक्ष के पास कांग्रेस के 30, जेजेपी के 10, इनेलो के 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं यानी कुल 45 विधायक हैं. जेजेपी के 6 विधायक पहले ही बागी हो चुके हैं. अगर इनमें से 3 ने इस्तीफा दे दिया तो बीजेपी के पास सिर्फ 43 विधायक रह जाएंगे लेकिन विपक्ष के पास सिर्फ 42 विधायक रह जाएंगे. ऐसे में बीजेपी के पास बहुमत होगा.
JJP MLA: कांग्रेस को खरीद-फरोख्त का डर है
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने दिल्ली में कहा कि सरकार बचाने के लिए बीजेपी खरीद-फरोख्त कर सकती है. इसलिए फ्लोर टेस्ट होना चाहिए. सरकार को बहुमत साबित करना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते तो राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. अगर राष्ट्रपति शासन लगा तो खरीद-फरोख्त नहीं होगी.
- वोटिंग के दिन तीनों विधायक अनुपस्थित रहें.
अगर फ्लोर टेस्ट या अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की नौबत आए तो जेजेपी के ये 3 बागी विधायक उस दौरान अनुपस्थित रहें. हालाँकि, अगर जेजेपी व्हिप जारी करती है कि उनकी उपस्थिति अनिवार्य है और मतदान सरकार के खिलाफ होगा, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जेजेपी विधायक दल के नेता दुष्यंत चौटाला उन्हें नोटिस जारी कर सकते हैं. हम उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की मांग कर सकते हैं. हालांकि इस मामले में कार्रवाई का मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास जाएगा. स्पीकर बीजेपी से हैं. अगर मामला लंबा खिंचा तो कोर्ट तक चला जाएगा. 6 महीने बाद चुनाव होने हैं और कार्रवाई में वक्त लग सकता है. जेजेपी के बागी विधायक खुद इस पचड़े में नहीं फंसना चाहेंगे.
- सातों बागी विधायक एक हो जाएं और पार्टी तोड़ दें
सूत्रों के मुताबिक यह भी चर्चा है कि जेजेपी के 10 में से 7 बागी विधायक
एक साथ आकर दो तिहाई बहुमत के साथ पार्टी तोड़ सकते हैं या फिर
बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं. ऐसे में उन पर दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा.
फिलहाल 6 विधायक जेजेपी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर चुके हैं.
जिनमें से 4 बीजेपी और 2 कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं.
एक और विधायक उनके संपर्क में हैं.
8 मई को 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया
हरियाणा में बीजेपी सीएम नायब सैनी के नेतृत्व वाली सरकार 6 निर्दलीय विधायकों
के समर्थन से बनी है. इनमें से 3 विधायकों सोमवीर सांगवान, धर्मपाल गोंदर और
रणधीर गोलन ने 8 मई को अपना समर्थन वापस ले लिया. उन्होंने रोहतक में
पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुडडा के नेतृत्व में कांग्रेस को समर्थन दिया.
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JJP MLA: कांग्रेस ने कहा- सरकार अल्पमत में है, सैनी को इस्तीफा देना चाहिए
इसके बाद पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार
अल्पमत में आ गई है. 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद उनके पास
43 विधायकों का समर्थन रह गया है जबकि विपक्ष के पास 45 विधायक हैं.
ऐसे में सीएम नायब सैनी को इस्तीफा दे देना चाहिए. राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाया.
जेजेपी ने फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल को लिखा पत्र
साढ़े 4 साल तक बीजेपी के साथ सरकार में रही जेजेपी ने कांग्रेस से आगे बढ़कर
राज्यपाल को चिट्ठी लिखी. जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मांग की कि
नायब सैनी की सरकार अल्पमत में है. उन्हें फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया जाना
चाहिए.’ दुष्यंत ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का भी आरोप लगाया.