Maharashtra Water Crisis: महाराष्ट्र के करीब 3,000 बांधों का औसत जल भंडार उनकी कुल भंडारण क्षमता का 22 प्रतिशत रह गया है, जिसमें छत्रपति संभाजीनगर संभाग में सबसे कम 9.06 प्रतिशत जल भंडार दर्ज किया गया है। बुधवार को एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में 2,997 बांध हैं, जहां बुधवार तक कुल भंडारण क्षमता का 22.64 प्रतिशत उपयोग के लिए उपलब्ध है। मौजूदा स्टॉक पिछले साल इसी दिन (29 मई) दर्ज किए गए 31.81 प्रतिशत से 9.17 प्रतिशत कम है।
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Maharashtra Water Crisis: पशुओं को काफी परेशानी हो रही है
महाराष्ट्र जल संसाधन विभाग की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के छह जल संभागों में से छत्रपति संभाजीनगर के बांधों में उनकी कुल भंडारण क्षमता का औसत स्टॉक 9.06 प्रतिशत है। दूसरा सबसे कम स्टॉक (16.35 प्रतिशत) पुणे संभाग में दर्ज किया गया है। नासिक में यह 24.50 प्रतिशत, कोंकण में 35.88 प्रतिशत, नागपुर में 38.41 प्रतिशत और अमरावती संभाग में 38.96 प्रतिशत है।
इस वर्ष जलसंकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है। महाराष्ट्र को जलापूर्ति करने वाली प्रमुख परियोजनाओं में जल भंडारण तेजी से घट रहा है। छत्रपति संभाजीनगर और नासिक संभाग में भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। जिन गांवों में केवल पीने के लिए पानी की आपूर्ति होती है, वहां पशुओं को काफी परेशानी हो रही है।
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टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है।
महाराष्ट्र की करीब 11 हजार वाडा बस्तियों के निवासियों को भीषण जलसंकट का सामना
करना पड़ रहा है। राज्य में गर्मी बढ़ती जा रही है। इसलिए एक ओर जहां बांधों में जल
भंडारण कम हो रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्य में जल आपूर्ति करने वाले टैंकरों की
संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। राज्य के 11 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 700
से अधिक टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है।