Pakistani army: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में वहां की सेना अपने ही नागरिकों पर अत्याचार कर रही है। पाकिस्तानी सेना पर लोगों को जबरन अगवा करने के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके खिलाफ बलूचिस्तान में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में परिवार अपने लापता परिजनों की वापसी की मांग कर रहे हैं और सेना द्वारा किए जा रहे जुल्मों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
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पूरे इलाके में यातायात ठप
बलूचिस्तान के प्रमुख शहरों पांजगुर, खरान और पसनी में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। पांजगुर में दो भाइयों की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ, जिसमें सबीर नूर और आबिद नूर को सोमवार को पाकिस्तानी सेना ने कथित रूप से अगवा कर लिया था। दोनों की कोई खबर नहीं मिलने पर स्थानीय लोग चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की सड़क को जाम कर बैठे। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जो सेना के खिलाफ नारे लगाते हुए अपने अपनों की वापसी की मांग कर रहे थे। इस विरोध ने पूरे इलाके में यातायात को ठप कर दिया है।
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Pakistani army: खरान बाज़ार से अगवा किया गया
खरान में पिछले पांच दिनों से धरना चल रहा है, जहां चार लापता व्यक्तियों की रिहाई की मांग हो रही है। इनमें एक स्थानीय व्यापारी अमानुल्लाह मुहम्मद हसानी समेत तीन अन्य लोग शामिल हैं, जिन्हें कथित तौर पर खरान बाज़ार से अगवा किया गया था। यहां भी प्रदर्शनकारियों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है, जो अपने परिजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
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जबरन उठाकर अज्ञात स्थानों पर ले जा रही
इसी तरह, पसनी के तटीय क्षेत्र में भी प्रदर्शनकारी मुख्य राजमार्ग पर धरने पर बैठे हुए हैं। 13 अप्रैल को सुरक्षा बलों द्वारा दूर मुहम्मद शफकत और अब्दुल सलाम बक़ी के अगवा होने के बाद से यहां के लोग उनके वापस लौटने की मांग कर रहे हैं।
बलूचिस्तान के इन शहरों में हो रहे प्रदर्शनों में जनता का गुस्सा साफ दिख रहा है। उनका आरोप है
कि पाकिस्तानी सेना बलूच लोगों को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के जबरन उठाकर अज्ञात स्थानों
पर ले जा रही है। परिवारों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनके लापता परिजनों को सुरक्षित वापस
नहीं लाया जाता तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
NEWS SOURCE Credit : livehindustan