Smartphone: आमतौर पर स्मार्टफोन खरीदते समय लोग उसका कैमरा, रैम, स्टोरेज और प्रोसेसर जैसी चीजों को देखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्मार्टफोन खरीदते वक्त उसके रेडिएशन लेवल को चेक करना भी जरूरी है।
दरअसल हर स्मार्टफोन का एक तय रेडिएशन लेवल होता है। अगर स्मार्टफोन मानक से ज्यादा रेडिएशन कर रहा है तो इससे कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि स्मार्टफोन खरीदते वक्त रेडिएशन का लेवल जरूर चेक किया जाए। इसे चेक करने के लिए SAR वैल्यू निकालना आना चाहिए। SAR वैल्यू से स्मार्टफोन रेडिएशन का लेवल चेक किया जा सकता है।
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SAR वैल्यू क्या है?
हम अपने स्मार्टफोन की SAR वैल्यू कैसे पता कर सकते हैं?
SAR वैल्यू ज्यादा होने से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?
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Smartphone: सवाल- SAR वैल्यू क्या होती है?
जवाब- SAR वैल्यू यानी स्पेसिफिक अब्सॉर्प्शन रेट (Specific Absorption Rate) किसी डिवाइस से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी को मापने का तरीका है। स्मार्टफोन से निकलने वाली वेव्स स्थिर नहीं होती हैं। यह घटती-बढ़ती रहती हैं। जब हम फोन में एक साथ कई काम करते हैं तो यह बढ़ जाती हैं, जबकि फोन का इस्तेमाल कम होने पर वेव्स कम हो जाती हैं। SAR वैल्यू को वॉट प्रति किलोग्राम (W/kg) में मापा जाता है।
सवाल- मोबाइल फोन की कौन सी SAR वैल्यू सुरक्षित है?
जवाब- भारत में दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल फोन के लिए SAR वैल्यू 1.6 W/kg तय की है। यहां वॉट/किलोग्राम से मतलब है कि 1 किलोग्राम टिशू अधिकतम 1.6 वॉट तरंगों को ही सोख सकता है। इससे ज्यादा फोन की SAR वैल्यू से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि SAR वैल्यू को लेकर अलग-अलग देशों ने अपने अलग मानक तय किए हैं।
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Smartphone: सवाल- स्मार्टफोन के रेडिएशन से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?
जवाब- आज स्मार्टफोन हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वह हमारी हेल्थ को नुकसान भी पहुंचाता है। प्रसिद्ध पोर्टल EMF में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से जुड़ी एक स्टडी पब्लिश हुई है।
यह स्टडी कहती है कि मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन हमारी नींद को भी प्रभावित कर सकते हैं।
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इस रिसर्च के मुताबिक, मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने वाले लोगों की तुलना में इस्तेमाल करने वाले लोगों में थकावट, सिरदर्द, आंखों में दर्द और नींद न आने की समस्या ज्यादा देखी गई।
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सवाल- क्या मोबाइल फोन के रेडिएशन से ब्रेन कैंसर हो सकता है?
जवाब- बिल्कुल नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया एक स्टडी ने इस मिथ को खारिज कर दिया है कि मोबाइल फोन और वायरलेस टेक्नोलॉजी से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन कैंसर का कारण बन सकती है।
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स्टडी के मुताबिक, मोबाइल फोन और वायरलेस टेक्नोलॉजी से निकलने वाली रेडियो वेव्स में इतनी एनर्जी
नहीं होती है कि वे DNA को नुकसान पहुंचा सकें। लेकिन हां, इससे दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं जरूर हो
सकती हैं और वह भी कम गंभीर नहीं हैं।
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Smartphone: सवाल- स्मार्टफोन की SAR वैल्यू कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- आज स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गया है। चाहे लोग घर में फुरसत में बैठे हों या
ड्राइविंग कर रहे हों, वह मोबाइल को स्क्रॉल करते मिल जाएंगे। कुछ लोग तो रात में सोने से पहले तक
मोबाइल स्क्रीन स्क्रॉल करते रहते हैं और फिर इसे अपने सिरहाने रखकर सो जाते हैं, जबकि सभी जानते
हैं कि मोबाइल फोन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन छोड़ते हैं। लंबे समय तक इस रेडिएशन के संपर्क में रहना
खतरनाक हो सकता है।
ऐसे में बहुत जरूरी है कि स्मार्टफोन की SAR वैल्यू पता करके कुछ सावधानियां बरती जाएं, जिससे
रेडिएशन से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स को काफी हद तक कम किया जाए।