World Health Day: आंखें ईश्वर का दिया हुआ एक ऐसा उपहार है जिसकी मदद से हम दुनिया भर के खूबसूरत नजारों का आनंद ले पाते हैं। हालाँकि, पिछले एक-दो दशकों में आँखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियाँ तेजी से बढ़ती देखी जा रही हैं। इतना ही नहीं, युवाओं में आंखों से संबंधित विभिन्न समस्याओं जैसे समय से पहले चश्मा पहनना, खराब दृष्टि और यहां तक कि गंभीर परिस्थितियों में अंधापन का खतरा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय है, जिस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
दुनिया भर में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और उन्हें बीमारियों से बचाव के बारे में शिक्षित करने के World Health Day is celebrated every year on April 7 उद्देश्य से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस लेख में हम तेजी से बढ़ती आंखों की समस्याओं – अंधापन के खतरों के बारे में जानेंगे।
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अंधेपन का ख़तरा बढ़ गया है
आंकड़ों से पता चलता है कि अंधापन और निकट-दृष्टिहीनता की घटनाएं 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र की आबादी में सबसे आम हैं, हालांकि युवा लोगों में भी इसकी घटनाएं बढ़ी हैं। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में दुनिया भर में लगभग 43.3 मिलियन लोग अंधेपन से पीड़ित थे और 295 मिलियन (29.5 करोड़) लोगों में मध्यम और गंभीर दृष्टि हानि होने की सूचना मिली थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आंखों की समस्याओं पर ध्यान देना और उनसे बचाव के लिए सावधानी बरतना हर किसी के लिए जरूरी है।
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World Health Day: क्या है एक्सपर्ट की राय?
अमर उजाला से बात करते हुए वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरभि चौधरी कहती हैं, दृष्टि हानि जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली समस्या है। समय पर गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल और परीक्षण के माध्यम से समस्याओं का निदान किया जा सकता है और उनके जोखिमों को रोका जा सकता है। यदि मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, सूखी आंखों जैसी समस्याओं पर शुरुआत में ही ध्यान दिया जाए तो इसके गंभीर दुष्प्रभावों और इससे होने वाले अंधेपन की समस्या को रोका जा सकता है।
जीवनशैली और खान-पान में गड़बड़ी आंखों की समस्याओं के बढ़ने का मुख्य कारण हो सकती है, साथ ही
इसे कम उम्र से ही ठीक रखने के लिए दो उपाय आंखों से जुड़ी गंभीर समस्याओं और अंधेपन के खतरे को काफी
हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं।
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जीवनशैली और खान-पान का ध्यान रखें
डॉ. कहते हैं, सही जीवनशैली और खान-पान अपनाकर आप न सिर्फ अपनी आंखों को बल्कि पूरे शरीर को
स्वस्थ रख सकते हैं। आंखों की सेहत के लिए आहार में रंग-बिरंगी सब्जियां और फल शामिल करना बहुत जरूरी है।
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अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी (एएओ) का कहना है कि गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां ल्यूटिन और
ज़ेक्सैन्थिन जैसे पोषक तत्व प्रदान करती हैं, जो पुरानी आंखों की बीमारियों के खतरे को कम करती हैं।
इसके अलावा आंखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान से दूर रहना बहुत जरूरी है।
World Health Day: नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं
डॉ. सुरभि कहती हैं, अगर समय रहते आंखों की समस्याओं का निदान और इलाज किया जाए तो किसी भी गंभीर
समस्या के खतरे को कम किया जा सकता है, इसलिए जरूरी है कि आप सालाना किसी विशेषज्ञ से अपनी आंखों की
जांच कराते रहें, भले ही आपको कोई भी समस्या हो। कोई समस्या। ये सावधानियां भविष्य में होने वाली किसी भी
समस्या को रोकने में सहायक हो सकती हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए आंखों की
सेहत पर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है