ASI Murder Mystery: हरियाणा के करनाल के कुटेल में स्टेट क्राइम ब्रांच के एएसआई संजीव की हत्या को करीब 36 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका हैं। एएसआई की हत्या की गुत्थी अभी भी रहस्य बनी हुई है। दो डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की पांच टीमें एएसआई के हत्यारों की तलाश में जुटी हुई हैं। न तो यह पता चल पाया है कि हत्यारे कौन थे और न ही यह पता चल पाया है कि हत्या के पीछे क्या मकसद था?
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आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
हत्या की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ना पुलिस की साख का भी सवाल बन गया है, क्योंकि क्राइम ब्रांच के अधिकारी को सिर में गोली मारकर हत्या करना कोई छोटी घटना नहीं है, इस घटना ने हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है।
जिस तरह से आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, उससे लगता है कि क्राइम ब्रांच के एएसआई की हत्या करके बदमाशों ने पुलिस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। हालांकि पुलिस का दावा है कि वह आरोपियों के करीब पहुंच चुकी है। पुलिस को सीसीटीवी कैमरों से कुछ इनपुट मिले हैं और उसके आधार पर पुलिस धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है।
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ASI Murder Mystery: इकलौते बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि
मृतक संजीव का बेटा योगेश पिछले दो साल से कनाडा में पढ़ाई कर रहा है और जब उसे अपने पिता की मौत की खबर मिली तो उसने तुरंत कनाडा से फ्लाइट की टिकट का इंतजाम किया और भारत के लिए रवाना हो गया। योगेश रात 2 बजे घर पहुंचा जिसके बाद संजीव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कुटले में राजकीय सम्मान के साथ किया।
कनाडा से आए बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। संजीव के अंतिम संस्कार में विधायक हरविंद्र कल्याण, कांग्रेस से पूर्व विधायक रहे नरेंद्र सांगवान सहित DSP मनोज सहित अन्य सभी पुलिस कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहें। अंतिम यात्रा में शामिल गांव के हर व्यक्ति की आंखे नम थी।
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पिता की मौत के बाद बेटा सदमे में
2 जुलाई की रात को जब बेटे योगेश को पिता की हत्या की सूचना मिली थी। तब से बेटा गहरे सदमे में था, उसे उम्मीद नहीं थी कि उसके परिवार के साथ ऐसा कुछ हो सकता है, क्योंकि तीन साल पहले योगेश के चाचा लाभ सिंह की घरौंडा लिबर्टी के सामने सड़क हादसे में मौत हो गई थी और चाचा की मौत के सदमे में दादा प्रेम सिंह की भी मौत हो गई थी।
परिवार पर दुखों का पहाड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था कि अब योगेश के पिता को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। योगेश की छोटी बहन भी है, जिसका रो रोकर बुरा हाल है। इन बच्चों के सिर पर न तो पिता का साया रहा, न चाचा का और न ही दादा का। इन दोनों बच्चों के मन की पीड़ा को ये ही समझ सकते हैं।
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ASI Murder Mystery: छोटे केस ही हैंडल करता था संजीव
संजीव क्राइम ब्रांच में था, उसकी ड्यूटी कुरुक्षेत्र के साथ-साथ यमुनानगर में भी थी। अधिकारियों के
अनुसार पुलिस ने कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में भी संजीव का रिकॉर्ड खंगाला है, ताकि पता लगाया जा
सके कि किसी अपराधी ने रंजिश के चलते हत्या की है या किसी बड़े केस के चलते, लेकिन वहां भी
पता चला है कि संजीव को पीओ जैसे छोटे केस ही दिए जाते थे, लेकिन पुलिस इस केस में कोई भी
एंगल नहीं छोड़ रही है, हर एंगल पर काम कर रही है।
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संजीव करनाल आरोपी को पकड़ने आया था
कुरुक्षेत्र क्राइम ब्रांच यूनिट की प्रभारी शारदा रानी ने बताया कि ASI संजीव चेक बाउंस सहित अन्य भगोड़े
आरोपियों के मामले देख रहे थे। उनको भगोड़े आरोपियों की धर पकड़ के लिए करनाल का इलाका दिया
गया था। सोमवार को भी वे कुरुक्षेत्र अपनी यूनिट में थे।
इसी दौरान उनको करनाल में किसी भगोड़े आरोपी के छिपे होने की सूचना मिली थी। यह सूचना पाकर
वे उस आरोपी की तलाश में करनाल के लिए रवाना हो गए थे। इसके अलावा उनको करनाल अदालत
से भी भगोड़े आरोपियों के संबंध में कोई दस्तावेज प्राप्त करने थे। इस मामले में वह अपने स्तर पर भी
जांच कर रहे हैं।
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क्या कहती है पुलिस
घरौंडा DSP मनोज कुमार ने बताया कि संजीव हत्याकांड में पुलिस गहनता से जांच में जुटी हुई है।
हर पहलू और एंगल पर काम किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज से भी कुछ इनपुट मिले हैं। हत्यारे
ज्यादा दिन तक पुलिस से नहीं बच पाएंगे। वहीं आज संजीव का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान
के साथ अंतिम संस्कार करवा दिया गया है।