Ayurvedic Tips: इस बात में कोई शक नहीं कि आज बच्चों पर मानसिक दवाब पहले की तुलना में काफी अधिक है। गला काट कॉम्पिटिशन के जमाने में बच्चों पर शुरू से ही अधिक पढ़ाई करने, चीजों को बेहतर ढंग से समझने और याद रखने का दवाब बढ़ जाता है। दिमाग भी हमारे शरीर के बाकी हिस्सों जैसा ही है यानी इसे भी यदि अच्छा पोषण मिले तो ये भी बेहतर ढंग से काम करता है।
ऐसे में बच्चों की दिमागी सेहत दुरुस्त रहे, कुल मिलाकर उनका ध्यान पढ़ाई में लगे और मेमोरी शार्प हो इसके लिए उनके खानपान में भी कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। आज हम आपको आसानी से मिल जाने वाली कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स यानी जड़ी-बूटियों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें बच्चों की डाइट में नियमित रूप से शामिल करने पर उनकी मेमोरी और कंसंट्रेशन पावर को बढ़ाया जा सकता है।
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तुलसी को बनाएं बच्चों की डाइट का हिस्सा
तुलसी का पौधा लगभग हर घर में मौजूद होता है। यह धार्मिक रूप से तो महत्वपूर्ण होता ही है, साथ ही आयुर्वेद में भी इसके गुणों का खूब बखान किया गया है। सर्दी-जुकाम की समस्या हो या अन्य मौसमी बीमारी, तुलसी की पत्तियां औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं। इसके साथ ही ये बच्चों की मेमोरी को बूस्ट करने में भी मदद कर सकती हैं। नियमित तौर पर गर्म दूध या स्मूदी में तुलसी पाउडर मिक्स करके बच्चों को पिलाने से मानसिक तनाव कम होता है, दिमाग शांत होता है और कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है।
पुदीना भी है फायदेमंद
पुदीना हेल्थ के लिए बहुत ही लाभकारी है। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने से लेकर इम्यूनिटी को बूस्ट करने तक पुदीना कई तरह से फायदेमंद है। हालांकि बच्चों की कंसंट्रेशन पावर बढ़ाने में और उनके दिमाग को एक्टिव रखने में भी पुदीना का जवाब नहीं। बच्चों के कमरे में डिफ्यूजर में पुदीने के तेल की कुछ बूंदे डाल दें। इसकी भीनी महक बच्चे के दिमाग को रिलैक्स रखेगी। साथ ही बच्चों को पुदीने की चाय पीने को दे। ये एनर्जी बूस्टर की तरह काम करती है।
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Ayurvedic Tips: हल्दी का करें इस्तेमाल
हल्दी हर रसोई घर में जरूर मौजूद होती है। खाने के स्वाद और टेक्सचर को एन्हांस करने के साथ-साथ हल्दी कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है। सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियां हों या अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स से शरीर का बचाव करना हो, हल्दी से बेहतर शायद ही कुछ हो। हालांकि इसका इस्तेमाल आप बच्चों के दिमाग को स्ट्रांग बनाने और स्ट्रेस कम करने में भी किया जा सकता है। बच्चों को रोज दूध में चुटकी भर हल्दी डालकर पिलाना काफी फायदेमंद हो सकता है।
सौंफ
सौंफ का सेवन करना शरीर के लिए कई तरह से लाभदायक है। शरीर को डिटॉक्स करने से ले कर पाचन
दुरुस्त रखने तक, सौंफ के ना जाने ऐसे कितने फायदे हैं। लेकिन सबसे खास बात ये है कि सौंफ मेमोरी
बूस्टर का भी कम करती है। सौंफ का सेवन करने से दिमाग शांत होता है और एकाग्रता आती है। बच्चों
की मेमोरी को शार्प बनाने के लिए उनकी डाइट में सौंफ को जरूर शामिल करें।
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Ayurvedic Tips: अश्वगंधा
अश्वगंधा एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो कई प्रकार की औषधियों में इस्तेमाल की जाती है।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट, लीवर टॉनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुणों के साथ कई पोषक तत्व
पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से दिमाग स्ट्रेस फ्री होता है। साथ ही ये दिमाग को शार्प करने का
काम करती है। रोज रात सोने से पहले दूध में जरा सा अश्वगंधा मिलाकर पीना बहुत ही
फायदेमंद माना जाता है।
NEWS SOURCE Credit : livehindustan