Bengaluru is yearning: बेंगलुरु शहर पानी की बूंद बूंद के लिए क्यो तरस रहा है, सर्दी में ये हाल तो गर्मी में क्या होगा। यहां रहे रहे लाखों लोग पानी की कमी से हो रही है भारी परेशानी, भीषण गर्मी से पहले शहर का ये हाल डराने वाला है. यहां रहे लोग निजी टैंकरों पर निर्भर हैं, लेकिन पानी की कमी को ये भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं. सरकार की ओर से लोगों को समस्या से निजात दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वो नाकाफी हैं.
पानी के संकट से जूझ रहे बेंगलुरु वासियों को हर तकरीबन 3000 मिलियन लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन उन्हें कावेरी नदी से तकरीबन 1450 मिलियन लीटर पानी ही मिल पा रहा है. ऐसे में शहर को प्रतिदिन 1680 मिलियन लीटर पानी की कमी का सामना करना पड़ता है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु आईटी कंपनियों और स्टार्टअप के लिए फेमस है, लेकिन भीषण गर्मी से पहले ही यहां गहराए जल संकट से लोग सहम गए है। एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में शहर की तकरीबन 60 फीसदी आबादी इन्हीं टैंकरों के सहारे पानी की कमी को पूरा कर रही है.
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बेंगलुरु में जल संकट है क्या कारण
बेंगलुरु में जल संकट का सबसे बड़ा कारण सूखे को माना जा रहा है. दरअसल इस बार कर्नाटक में बारिश भी नहीं हुई, इससे बोरबेल सूख गए और भूजलस्तर भी गिर गया.
बेंगलुरु में पानी की कमी के लिए टैंकर माफिया को जिम्मेदार बताया गया है, यहां के लेागों का कहना है कि टैंकर माफिया बोरवेल खोद रहे हैं, चौबीसों घंटे पानी पंप कर रहे हैं.
बढ़ती जनसंख्या को भी जिम्मेवार बताया जा रहा है। वर्तमान में बेंगलुरु की आबादी 1 करोड़ है, हर साल यहां 10 लाख की आबादी बढ़ रही है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय विज्ञान संस्थान की एक रिसर्च के मुताबकि पिछले चार दशक में बेंगलुरु में विकास की तीव्र गति से 79 प्रतिशत जल निकाय और 88 प्रतिशत ग्रीनरी नष्ट हो चुकी है.
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Bengaluru is yearning: यहां निकाय के पानी की पहुच नही है
जहां तक बेंगलुरु निकाय के जलापूर्ति बोर्ड की पहुंच नहीं है. दरअसल जलापूर्ति बोर्ड अधिकांश पानी कावेरी नदी से लेता है, लेकिन जहां पर जलापूर्ति बोर्ड की पहुंच नहीं है, वह इलाके पूरी तरह बोरबेल और टैंकरों पर निर्भर हैं।
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टैंकरों ने रेट बढ़ाए
पिछले दिनों यहां गहरा रहे जल संकट को देखते हुए टैंकरों संचालकों ने भी अपने दाम बढ़ा दिए हैं. पहले यहां जो टैंकर 700 रुपये में आ जाया करता था उसने अब अपने दाम 1500 रुपये तक कर दिए हैं.
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Bengaluru is yearning: क्या कहती है कर्नाटक सरकार
बेंगलुरु को पानी संकट से निजात दिलाने के लिए कर्नाटक सरकार कावेरी नदी पर बांध बनाने की तैयारी में लगी है, सरकार का मानना है कि मेकेदातु बांध के निर्माण से यह समस्या काफी हद तक पूरी हो जाएगी. हालांकि इस बांध का निर्माण कब होगा
ये साफ नहीं है, क्योंकि बांध को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में जल विवाद है. तमिलनाडु सरकार का तर्क है कि बांध से किसान प्रभावित होंगे. इसके अलावा सरकार बोरवेल की गहराई बढ़ाने के सुझावों पर भी विचार कर रही है