Boy-Girl for marriage: ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है कि शादी के समय लड़का-लड़की की उम्र में कितना फासला होना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि शादी के दोनों की उम्र में कितना फासला होना चाहिए।
प्यार भले ही उम्र देखकर नहीं होता है, लेकिन व्यक्ति को शादी करने से पहले अपनी उम्र और पार्टनर के उम्र के बीच का अंतर जरूर देख लेना चाहिए।
हालांकि, आज जब लोग उम्र को भूलाकर शादी के रिश्ते में बंध रहे हो, तब पति-पत्नी के बीच एज गैप की अहमियत को समझ पाना कई लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। हालांकि, लंबे समय से भारत में पति अपनी पत्नी से उम्र में बड़े ही रहे हैं।
लेकिन यह प्रैक्टिस भी पूरी तरह से सही नहीं है। क्योंकि इसमें कभी एज गैप पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। जबकि कई एक्सपर्ट्स ने यह माना है कि शादी को सफल बनाने के लिए पति-पत्नी के बीच एक सही एज गैप का होना जरूरी होता है।
प्रिडिक्शन्स फॉर सक्सेस के संस्थापक और रिलेशनशिप कोच विशाल भारद्वाज कहते हैं, कि शादी के लिए पार्टनर चुनते समय आमतौर लड़के की आय , लड़की क्या करती है, दोनों कितना पढ़े-लिखे हैं, दोनों का परिवार कैसा है, जैसी बातों पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जो कि सही भी है।
लेकिन इन सबके अलावा एक और सबसे जरूरी चीज है, जिस पर बात करना बहुत जरूरी होता है, वह है लड़का-लड़की की उम्र में कितना फासला है? ऐसा करना क्यों महत्वपूर्ण है, इसे आप नीचे डिटेल में समझ सकते हैं।
Boy-Girl for marriage: शादी के लिए उम्र में अंतर जरूरी- रिसर्च में हुआ खुलासा
एक्सपर्ट बताते हैं, कि इस विषय पर काफी गहरी तरह से वैज्ञानिक द्वारा चिंतन किया जाते रहा है। अटलांटा की यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के हिसाब से पति-पत्नी के बीच 5 साल का एज गैप सही माना गया है।
रिसर्च के अनुसार जिन कपल्स के बीच ऐज गैप 5 साल होता है, उनमें तलाक की संभावना 18% होती है। वहीं, जिन कपल्स के बीच ऐज गैप 10 साल है, उनमें तलाक की संभावना 39% है और यदि एज गैप 20 साल है तो तलाक की संभावना 95% होती है।
Boy-Girl for marriage: कपल्स के बीच एज गैप बायोलॉजिकल कारणों से भी जरूरी
एक्सपर्ट के अनुसार, बायोलॉजिकल नजरिए से भी लड़का और लड़की की मैच्योरिटी लेवल में अंतर होता है। जहां लड़कियां 12-14 साल की उम्र में ही अपने युवावस्था में पहुंच जाती हैं, वहीं लड़कों को अपने युवावस्था में पहुंचने में 14-17 साल की लग जाते हैं।
क्योंकि शादी के लिए दोनों व्यक्ति का मैच्योर होना जरूरी होता है। इसलिए लड़का लड़की से उम्र में थोड़ा बड़ा होना चाहिए। ऐसा होने पर ही लड़का अपनी सभी जिम्मेदारियों को सही तरीके से समझता है, और उसे सही तरह से निभाने की कोशिश करता है।
समाज में एडजस्ट होना आसान होता है
हर व्यक्ति समाज का हिस्सा होता है। जहां पर उसके अच्छे और बुरे कामों की चर्चा खुलकर होती है। जिसके नियमों को न मानने पर कई तरह की बातें होने लगती है, कई जगह पर तो ऐसा करने पर समाज से निकाल भी दिया जाता है। ऐसे में आज भी मीडिल क्लास परिवारों में पति का उम्र में बड़ा होना जरूरी होता है।
क्योंकि भारत में पति के पैर छूना, उसे देव के रूप में देखे जाने की परंपरा है। ऐसे में यदि पति उम्र में छोटा या समान हो तो ऐसा करना किसी भी लड़की के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है।
वहीं यदि पति उम्र में थोड़ा बड़ा है, तो पत्नी के लिए उसकी इज्जत करने, उसकी बातों को मानने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। और इगो क्लैश भी कम होता है।
Boy-Girl for marriage: उम्र को नहीं दिया जा रहा महत्व
आज के बदलते समय में कई सारी शादियां ऐसी होने लगी है, जिसमें उम्र के अंतर को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया जाता है। कहीं न कहीं शादी के लिए उम्र के फासले का महत्व खत्म सा हो गया है। कपल्स के बीच काफी ज्यादा एज गैप देखा जा रहा है।
कहीं, पति उम्र में काफी बड़ा है, तो कहीं पत्नी लेकिन फिर भी शादी में चल रही है। ऐसे में यह निष्कर्ष निकला जा सकता है कि सफल शादी के लिए पति-पत्नी में एज गैप से ज्यादा एक दूसरे के लिए प्यार, इज्जत और समझ होना जरूरी है।
अपने उम्र के व्यक्ति से शादी करना चाहिए?
शादी को सफल बनाने के लिए प्यार के साथ दो लोगों के बीच आपसी समझ का होना भी जरूरी होता है। यदि आपके रिश्ते में यह दो चीजें हैं, तो अपने उम्र के व्यक्ति के साथ शादी करने में कोई हर्ज नहीं है।
लेकिन बिल्कुल इसका उल्टा होना भी सही है। आसान भाषा में कहा जाए तो एक ही उम्र के कपल्स में झगड़े, एक-दूसरे के प्रति सम्मान की कमी, इगो क्लैश होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
क्योंकि दोनों का तजुर्बा और चीजों को देखने या समझने का नजरिया लगभग एक ही स्तर का होता है। हालांकि कई बार यह चीज शादी की सफलता का कारण भी बनती हैं। इसके साथ ही यदि कपल सेम एज में ही करियर में सेटल हो जाए तभी शादी करने का फैसला सही होता है।