Financial Planning for women: यदि आपके ऊपर आपके पैरेंट्स (माता-पिता या फिर सास-ससुर) निर्भर हैं तो मेडिकल जरूरतें आपकी ज्यादा होंगी. बढ़ती उम्र के साथ उन्हें मेडिकल सहयोग चाहिए होगा. किसी न किसी कारण से, सर्जरी आदि के कारण हॉस्पिटलाइजेशन होता रह सकता है. इसलिए पैरेंट्स का हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए
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जरूरी नहीं कि पति की मौत हो गई हो
या फिर तलाक हो गया हो, यह भी संभव है कि पति किसी रोग बीमारी या दुर्घटना के चलते बेड-रिडन यानी कोमा-अपंगता के शिकार हो गया हो. ऐसे में घर की पढ़ी लिखी महिला पर कई तरह के उत्तरदायित्व होते हैं. ऐसे में वे कैसे करें अपने जीवन की प्लानिंग कि कई मोर्चों पर सकुशलता से बेहतरीतन तरीके से मैनेज कर सकें.
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Financial Planning for women: देखा यह गया है कि
यदि आप ही घर की मुखिया हैं यानी वित्तीय मोर्चे पर आप ही केवल कर्ता-धर्ता हैं तो सबसे पहले आपको अपना एक्सिडेंट कवर लेना चाहिए. आपको अपना एक एक्सिडेंट इंश्योरेंस इसलिए भी जरूर ले लेना चाहिए क्योंकि आपके ऊपर कई जन डिपेंड हैं और दुर्घटना के दौरान अचानक से आए खर्चे को किसी और के लिए संभालना बेहद मुश्किल होगा. देखा यह गया है कि किसी छोटी सी भी रोग बीमारी से लेकर दुर्घटना की स्थिति में हॉस्पिटलाइजेशन व अन्य मेडिकल खर्च इतना ज्यादा होता है
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कि पूरी पूंजी लग जाती है. और चूंकि आपकी उम्र 25-28 के बीच ही है तो ऐसे में जरूरी नहीं की काफी पैसा एकत्र कर चुकी हों आप. साथ ही, 25 से 28-30 साल की आयु में नेचुरल डेथ नहीं होती हैं, एक्सिटेंड हो जाए या हैंडिकैप हो जाएं तो इंश्योरेंस आपको काफी हद तक बचा लेगा. इंश्योरेंस कंपनियां दुर्घटना के चलते हुई डिसेबिलटी को भी कवर करती हैं. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.
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Financial Planning for women: इसके बाद आपके लिए जरूरी है कि
अपने परिवार को सिक्यॉर करें. फैमिली का प्रॉटक्शन फाइनेंशल प्लानिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिए जरूरी है कि अपना लाइफ इंश्योरेंस करवा लेना चाहिए.
करियर के शुरू में कई बार सैलरी कम होती है तो कितना के इंश्योरेंस लेंगे आप यह आपकी सैलरी और उम्र पर निर्भर करता है. शुरू में सैलरी का 15-18 फीसदी इंश्योरेंस के लिए निकाल सकती हैं. बेहतर होगा कि आप टर्म इंश्योरेंस लें.
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यदि आपके ऊपर आपके पैरेंट्स (माता-पिता या फिर सास-ससुर) निर्भर हैं
तो मेडिकल जरूरतें आपकी ज्यादा होंगी. बढ़ती उम्र के साथ उन्हें मेडिकल सहयोग चाहिए होगा. किसी न किसी कारण से, सर्जरी आदि के कारण हॉस्पिटलाइजेशन होता रह सकता है.
इसलिए पैरेंट्स का हेल्थ इंश्योरेंस ले लेना चाहिए. हो सके तो दोनों के लिए अलग अलग 5-5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस लें या फिर कोई फैमिली फ्लोटर पॉलिसी लें. आपके ऑफिस से मिले ग्रुप इंश्योरेंस को पैरेंट्स के लिए रिजर्व करके रखना बेहतर होगा क्योंकि इसमें माता-पिता की प्री-एग्जिस्टिंग रोग बीमारियां भी कवर होंगी.