Mountain Government School: जब गुरु मेहनत और लग्न से शिष्य को पढ़ना शुरू कर दे तो उन्हें आसमान छूने से कोई भी नही रोका सकता। मां बाप से पहले गुरु का ही नाम आता है ऐसा ही एक वक्या पूरा कर दिखाया उत्तराखंड के एक प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने उत्तराखंड के जिला बागेश्वर के कपकोट के प्राथमिक विद्यालय के 40 बच्चों में से 40 बच्चों का चयन नैनीताल जिले के घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में हुआ है. ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी स्कूल के सभी बच्चों का चयन इस स्कूल में हुआ हो.
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Mountain Government School: बच्चे को आसानी से प्रवेश मिल जाता
अमूमन सरकारी स्कूलों में देखा जाता है कि किसी भी बच्चे को आसानी से प्रवेश मिल जाता है और सरकारी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर लोग अपने बच्चों को भेजते हैं, लेकिन कपकोट के इस प्राथमिक विद्यालय की कहानी बिल्कुल अलग है. इस स्कूल में उसी का प्रवेश होता है, जो प्रवेश परीक्षा को सफल करने में कामयाब हो जाता है. स्कूल के शिक्षक हरीश ऐठानी ने बताया कि स्कूल के 80 सीटों के लिए तकरीबन 400 बच्चों ने आवेदन किया है, जिनको काबिलियत को देखते हुए प्रवेश दिया जाएगा.
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40 बच्चों का चयन घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में हुआ
कपकोट के जिस प्राथमिक विद्यालय के 40 बच्चों का चयन घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में हुआ है. इसके पीछे स्कूल के प्रधानाचार्य का अहम योगदान है, क्योंकि प्रधानाचार्य केडी शर्मा ने बच्चों को रात के 9 बजे तक क्लासें दी हैं. वहीं एक बच्चे ने मैथ में 150 में से 150 अंक लाकर सबको अचंभित कर दिया. स्कूल के शिक्षक हरीश ऐठानी आगे बताते हैं कि केडी शर्मा बच्चों को गीत के माध्यम से गणित पढ़ाते हैं, जिससे बच्चों को गणित के सूत्र आसानी से याद हो जाते हैं.
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स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि अक्सर सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है. यहां स्कूल में भी देखा जाए तो संसाधन सीमित हैं. बावजूद इसके इतने बच्चों का सैनिक स्कूल में चयन बड़ी उपलब्धि है, वो भी तब जब 40 बच्चों ने सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए परीक्षा दी और सभी 40 बच्चे उस परीक्षा में पास हो गए