Polyhouse farming: पॉलीहाउस एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें सब्जी व फूल उत्पादन के लिए खुले खेतों में मौसम के अनुसार किसान खेती करता है और पैदावार बढ़ाता है जिसकी सहायता से लोगों को बेमौसमी हरी ताजा सब्जियां खाने को मिल जाती हैं।
जिसमे सब्जी व फूल उत्पादन के लिए उपयुक्त होती है जिसमें लोग अपनी जलवायु परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग फसलें उगाते हैं।भारत एक कृषि प्रदान देश है जिसमे 4 ऋतुएँ आपने समय पर आती हैं। कृषि गतिविधियों के लिए मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर है। जिसकी वजय से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
सिर्फ गंगा स्नान नहीं ऋषिकेश के इन प्रसिद्ध मंदिरों के भी करें दर्शन
भारत में पॉलीहाउस खेती सबसे लोकप्रिय माना गया है, जिसमें वैज्ञानिक डॉ. रतन कुमार जी ने पॉलीहाउस और शेड नेट हाउस के बारे में बताया। भारतीय समाज हमेशा से ही खेती पर निर्भर रहता है.
दोनों ही खेती करने में ज़मीन आसमान का अंतर होता है. जिसमें कोई बाहर तो कोई अंदर की जाती है. जिसमें धूप और छाव का ध्यान रखना पड़ता है. ताकि खेती को कोई नुकसान न पहुंचे। खेती की फसल अच्छी उगे।
Polyhouse farming: पॉलीहाउस खेती के लाभ
- पॉलीहाउस में आप एक प्रशासित वातावरण में आसानी से फसलों का उत्पादन कर सकते हैं। यह खुली खेती पद्धति से छुटकारा पाने में मदद करता है।
- पॉलीहाउस के अंदर किसान साल भर फसल उगा सकते हैं चाहे मौसम कोई भी हो।
- पॉलीहाउस के अंदर हम किसी भी टाइम कोई खेती कर सकते है मौसम अनुसार
- पॉलीहाउस के अंदर कीटनाशक दवाई का प्रयोग करके फसलों में कीड़े और रोग जैसे फसल को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
- पॉलीहाउस के अंदर अच्छी सफाई हो सकती है।
- बेहतर जल निकासी और हवा की सुविधा उपलब्ध है।
- बाहरी जलवायु पौधों को प्रभावित नहीं कर सकती है।
- एक वर्ष में कुल फसल की पैदावार अधिक होती है क्योंकि सभी प्रकार की फसलें पूरे मौसम में उगाई जाती हैं।
- पॉलीहाउस खेती के उपरोक्त इस कृषि का एक अनूठा, प्रभावी, टिकाऊ और लागत बचाने वाला साधन बनाते हैं।
Pawan Singh और Akshara Singh के रोमांस को देख लोगों का छूटा पसीना, हो रहा गाना वायरल
पॉलीहाउस के निर्माण की लागत
निर्माण क्षेत्र
पॉलीहाउस निर्माण के लिए एक अनुमान निम्नलिखित होगा:
- कम तकनीक वाला पॉलीहाउस बिना पंखे की व्यवस्था या कूलिंग पैड (400 से 500 वर्ग मीटर)
- मध्यम प्रौद्योगिकी पॉलीहाउस जिसमें कूलिंग पैड और ड्रेनिंग पंखे सिस्टम हैं जो स्वचालित नहीं होंगे ( 900 से 1,200 वर्ग मीटर)
- पूरी तरह से स्वचालित नियंत्रण प्रणाली के साथ उच्च तकनीक वाला पॉलीहाउस (2,500 से 4,000 वर्ग मीटर)
महिलाएं कर रही है ये काम, तो मर्द को तुरंत हटा लेनी चाहिए अपनी नजरें
Polyhouse Farming: पॉलीहाउस खेती की लागत
पॉलीहाउस की फ्रेम संरचना को विकसित करने के लिए आसानी से उपलब्ध बांस, लकड़ी और धातु के तार का उपयोग करके कम लागत वाले पॉलीहाउस का निर्माण किया गया था। पॉलीहाउस खेती के लिए कम लागत वाले पॉलीहाउस के निर्माण के कई रास्ते हैं जिसमें नई तकनीक से प्रभावी तरीके से फसलें उगाई जा सकती हैं।
सोने-चांदी के दामों में हुए उतार-चढ़ाव, जाने आज के भाव
शेडनेट हाउस के लाभ
शेडनेट हाउस का उपयोग बे-मौसम फल और सब्जियों को उगाने के लिए किया जाता है। जिसमें बारिशऔरआधी जैसी समस्या से फसलों को बचाया जा सकता है.
शेडनेट हाउस में नर्सरी के लिए अधिक फायदेमंद होती है.
शेडनेट हाउस के अंदर रंग बिरंगे फूल भी उगाये जाते है. जिससे उनकी सुंदरता में कोई कमी नहीं आती है. और वे अधिक कोमल और आकर्षक लगते है.
पॉली हाउस / शेडनेट हाउस का उपयोग बे-मौसम फल
और सब्जियों को उगाने के लिए किया जाता है. कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन के लिए ये दोनों तकनीक बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
किसान अब खेती में नए-नए विकल्पों की जानकारी हासिल कर उनकी पैदावार को बढ़ाने उपाए अपनाते है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों को सरंक्षित खेती करने के लिए अनुदान करवा रही है.