Rao Indrajit BJP: हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट में पड़ने वाले रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। यहां रेवाड़ी विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव की सफलता की राह में बागी रणधीर सिंह कापड़ीवास ने कांटे बो रखे हैं। वहीं, बाकी सीटों पर भी बागियों ने पार्टी की टेंशन बढ़ाई हुई है।
अब इन सीटों पर आज डैमेज कंट्रोल करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह पहुंच रहे हैं। शाह वैसे तो कुरूक्षेत्र के लाडवा और अंबाला में भी जनसभा को संबोधित करेंगे, लेकिन उनका पहला फोकस रेवाड़ी की तीनों सीटों को साधने पर होगा। उनकी यहां सुबह 11 बजे रैली प्रस्तावित है।
रेवाड़ी में गुटबाजी के कारण भाजपा 2019 में भी रेवाड़ी सीट हार गई थी। कुछ इसी तरह के हालात इस बार भी बने हुए हैं। उस वक्त बागी खुलकर निर्दलीय मैदान में आ गए थे, लेकिन इस बार पार्टी में रहकर ही साइलेंट हैं, जिसकी वजह से इस बार खतरा पिछली बार के मुकाबले ज्यादा है। रेवाड़ी की तीनों सीटों पर पार्टी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत को ज्यादा तवज्जो दी है। इसकी वजह से पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रूठे हुए हैं।
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रेवाड़ी में कापड़ीवास की नाराजगी भारी
टिकट कटने से नेता रूठे : रेवाड़ी सीट पर BJP ने इस बार कोसली से विधायक रहे लक्ष्मण सिंह यादव को शिफ्ट किया है। लक्ष्मण पार्टी के पुराने कार्यकर्ता होने के साथ-साथ राव इंद्रजीत सिंह की भी पसंद हैं। लक्ष्मण को टिकट मिलने के बाद पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेता रूठ गए।
टिकट की आस में पार्टी जॉइन करने वाले पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव बागी होकर आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे है, जबकि प्रशांत उर्फ सन्नी यादव निर्दलीय मैदान में हैं। हालांकि, सबसे बड़ा खतरा भाजपा को पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास और पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव से है।
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Rao Indrajit BJP: प्रचार से दूरी बनाई
टिकट कटने के बाद इन दोनों ही नेताओं ने प्रचार से पूरी तरह दूरी बनाई हुई है। रणधीर सिंह कापड़ीवास 2014 में BJP की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। 2019 में जब राव इंद्रजीत के इशारों पर उनकी टिकट कटी तो वह बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े और 35 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए।
दो चुनावों से टिकट दी दावेदारी ठोक रहे : इस बार भी कापड़ीवास टिकट के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया। वहीं, दूसरी तरफ पिछले 2 चुनावों से टिकट की दावेदारी ठोक रहे डॉ. अरविंद यादव को भी टिकट नहीं मिला। इसकी वजह से वह भी दूसरी बार साइलेंट बागी बने हुए हैं।
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पार्षद चुनाव हारे उम्मीदवार को टिकट मिला
रेवाड़ी जिले की दूसरी सबसे अहम सीट कोसली है। यहां से BJP ने जिला पार्षद का भी चुनाव हार चुके अनिल डहीना को टिकट दिया है। अनिल राव इंद्रजीत के खास हैं, जिसकी वजह से उन्हें टिकट मिला। जबकि, टिकट की रेस में पूर्व मंत्री विक्रम ठेकेदार के अलावा CM नायब सैनी के OSD रहे अभिमन्यु यादव सहित कई नेता शामिल थे।
पार्टी ने इन सभी को दरकिनार कर राव इंद्रजीत सिंह के कहने से अनिल डहीना को टिकट दी।
शुरुआत में टिकट वितरण का खुलकर विरोध भी हुआ। विरोध करने वालों में पूर्व मंत्री विक्रम
ठेकेदार और रामपाल यादव 2 बड़े चेहरे थे।
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दो बार के विधायक का टिकट काटा
जिले की एकमात्र आरक्षित सीट बावल में पिछले 2 चुनावों में BJP उम्मीदवार डॉ. बनवारी लाल ने
जीत दर्ज की है। दोनों बार डॉ. बनवारी लाल प्रदेश सरकार में मंत्री बने। डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय
मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास होते थे, लेकिन मंत्री बनने के बाद पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर से
नजदीकियां बढ़ गईं। यह बात राव इंद्रजीत सिंह को रास नहीं आई।
इसलिए, इस बार डॉ. बनवारी लाल का टिकट कट गया और हेल्थ डिपार्टमेंट से डायरेक्टर पद की
नौकरी छोड़ने वाले डॉ. कृष्ण कुमार को BJP ने कैंडिडेट बनाया। डॉ. कृष्ण कुमार भी राव इंद्रजीत
सिंह के खास हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती 2 बार के विधायक और मंत्री रह चुके डॉ.
बनवारी लाल ही हैं।
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Rao Indrajit BJP की साख दांव पर
2014 और 2019 के चुनाव में हरियाणा में BJP की सरकार बनाने में अहीरवाल बेल्ट का
अहम रोल रहा है। इस बेल्ट में विधानसभा की 11 सीटें आती हैं। 2014 के चुनाव में
BJP ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में 3 सीटों के नुकसान के साथ BJP
को 9 सीटें मिली थीं। इस बार BJP ने राव इंद्रजीत की पैरवी पर इस इलाके में
टिकट बांटे हैं।