Thyroid: थायराइड महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या बन गई है। थायराइड का सबसे आम कारण ऑटोइम्यूनिटी है। ऑटोइम्यूनिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। चिंता की बात ये है कि इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। ऐसे में हमें अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
विशेषकर हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों को अधिक सवाधान रहने की जरूरत है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं जो काफी स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन हाइपोथायराइड से पीड़ितों के लिए यह हानिकारक हैं। इन पदार्थों में गोइट्रोजेन होते हैं। दरअसल, गोइट्रोजेन एक ऐसा यौगिक है जिसके कारण थायराइड ग्लैंड में सूजन आ सकती है।
Thyroid: हाइपोथायराइड सवाधान रहने की जरूरत है
- ऐसे में यह हाइपोथायराइड को बढ़ा सकता है। इससे थायराइड ऊतकों का विकास भी तेजी से होने लगता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. दीक्सा भावसार सावलिया ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताया है,
- जिनके सेवन से हाइपोथायराइड पीड़ित लोगों को बचना चाहिए।
- विशेषकर हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों को अधिक सवाधान रहने की जरूरत है। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं जो काफी स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन हाइपोथायराइड से पीड़ितों के लिए यह हानिकारक हैं।
- इन पदार्थों में गोइट्रोजेन होते हैं। दरअसल, गोइट्रोजेन एक ऐसा यौगिक है जिसके कारण थायराइड ग्लैंड में सूजन आ सकती है।
- ऐसे में यह हाइपोथायराइड को बढ़ा सकता है। इससे थायराइड ऊतकों का विकास भी तेजी से होने लगता है।
- आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. दीक्सा भावसार सावलिया ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताया है, जिनके सेवन से हाइपोथायराइड पीड़ित लोगों को बचना चाहिए।
थायराइड में क्या न खाएं – Food That Avoid in Thyroid
मूंगफली से दूरी अच्छी
1. आमतौर पर मूंगफली को बहुत ही पौष्टिक माना जाता है,
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2. लेकिन हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए।
3. मूंगफली और पीनट बटर में गोइट्रोजेन होता है, जो हाइपोथायरायडिज्म को बढ़ा सकता है।
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Thyroid: रागी बढ़ा सकती है रोग
1. रागी को सुपर फूड कहा जाता है। इसमें आयरन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं। ऐसे में इसका सेवन बहुत ही लाभदायक माना जाता है,
2. लेकिन गोइट्रोजेनिक भोजन होने के कारण हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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अगर हाइपोथायराइड होने के बावजूद आप रागी का सेवन करना चाहते हैं तो इसे भिगोकर, अच्छे से पकाने पर ही खाएं। ध्यान रखें एक माह में दो से तीन बार ही इसका सेवन करें।
बादाम नहीं है आपके लिए अच्छा
बादाम सेलेनियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। ये दोनों ही थायराइड फ़ंक्शन के लिए अच्छे हैं। लेकिन बादाम एक गोइट्रोजेनिक भोजन है। इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर यह थायराइड बढ़ा सकता है।
ज्यादा बादाम खाने से थायराइड ग्रंथि की आयोडीन अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों को दिन में तीन से पांच भीगे या भुने हुए बादाम ही खाने चाहिए।
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सोया बढ़ा सकता है मर्ज
सोया और उससे बने खाद्य पदार्थों को सेहत के लिए बहुत पौष्टिक माना जाता है। लेकिन हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों के लिए इसका अधिक सेवन ठीक नहीं है।
सोया थायराइड के लक्षणों को ठीक से अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। सोया और इससे बने खाद्य पदार्थों में गोइट्रोजेन भी पाया जाता है, जो थायराइड ग्रंथि में जलन का कारण बन सकती है।
गेहूं से हो सकती है परेशानी
गेहूं भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है, लेकिन ग्लूटेन से भरपूर इस अनाज से हाइपोथायराइड से पीड़ित लोगों को दूरी रखनी चाहिए। दरअसल, ग्लूटेन एक संभावित गोइट्रोजेनिक भोजन है।
शोध के अनुसार जो लोग ग्लूटेन-मुक्त आहार का सेवन करते हैं उनके रक्त में एंटीबॉडी की सांद्रता कम होती है जो थायराइड ग्रंथि पर हमला करती है। ऐसे में गेहूं की जगह अन्य अनाज का सेवन अच्छा है।