Abhay-Gopal Kanda: हरियाणा के चर्चित नेताओं में से एक गोपाल कांडा का विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा के प्रति प्यार जाग गया है। उन्होंने सिरसा स्थित अपने आवास पर खुद की पार्टी हलोपा के बजाय भाजपा का झंडा लगा लिया है।
इनेलो से गठबंधन कर चुके गोपाल कांडा जहां कुछ दिन पहले यह कहते नजर आ रहे थे कि भाजपा से उनका कोई लेना-देना नहीं है, लोग भाजपा-कांग्रेस दोनों से दुखी हैं। वही गोपाल कांडा भाजपा का झंडा अपने घर पर लगाए हुए हैं। इस पर इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा है कि गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा आज भी भाजपा में हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
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रोहताश जांगड़ा का नामांकन वापस करवा दिया
बता दें कि गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा NDA का हिस्सा है, लेकिन भाजपा ने उन्हें हरियाणा में एक भी सीट नहीं दी थी। इसके बाद कांडा ने अपनी पार्टी हलोपा से सिरसा से नामांकन भर दिया।
जब नामांकन वापसी का अंतिम दिन था तो भाजपा ने अपने उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा का नामांकन वापस करवा दिया और बयान दिया कि गैर कांग्रेसी वोट न बंटे, इसलिए पार्टी ने अपना कैंडिडेट बैठा लिया है। हरियाणा में भाजपा 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
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Abhay-Gopal Kanda: कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया ने उठाए सवाल
कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया ने गोपाल कांडा के आवास पर लगे भाजपा झंडे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि मेरे किसान भाई अच्छे से जानते हैं कि ये लोग वोट के लालच में बरगलाने का काम कर रहे हैं। इन्होंने अपने महल पर भाजपा का झंडा लगा रखा है। यह किस मुंह से इंडियन नेशनल लोकदल से समर्थन मांगेंगे?
सेतिया ने कहा, ‘चौटाला ने सिरसा के गांवों का दौरा कर गोपाल कांडा के लिए वोट मांगे थे। चौटाला ने किसानों के पक्ष में इस्तीफा दिया था। हरियाणा विधानसभा में किसानों को अपमानित किया, यह सब भूल गए। थोड़े दिन पहले चौटाला ने कहा था कि इनका कोई BJP से लेना-देना हुआ तो मैं पुनर्विचार करूंगा। विचार जरूर कीजिएगा, सरेआम झंडा लगा रखा है।
अभय चौटाला बोले- गोपाल नहीं गोबिंद भाजपा में
उधर, अभय चौटाला ने गोपाल कांडा के आवास पर लगे भाजपा के झंडे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा आज भी भाजपा में हैं। उन्होंने मेरे खिलाफ ऐलनाबाद में चुनाव लड़ा था। मेरे ही घर में मेरे भतीजे दूसरी पार्टी में हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इनेलो का समझौता गोपाल कांडा और उनकी पार्टी हलोपा से है। गोबिंद कांडा भाजपा में है। गोपाल कांडा अपनी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, और इनेलो-बसपा का उनके साथ गठबंधन है।
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Abhay-Gopal Kanda: भाजपा ने पहले उम्मीदवार खड़ा किया, बाद में बैठाया
दरअसल, भाजपा के 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद गोपाल कांडा ने अकेले लड़ने का फैसला
लिया था। मगर ऐन वक्त पर इनेलो ने अपना समर्थन गोपाल कांडा को दे दिया। इसके बाद भाजपा ने
कांडा के पक्ष में अपने कैंडिडेट रोहताश जांगड़ा का नामांकन वापस ले लिया।
प्रदेश में इनेलो और भाजपा दोनों अलग-अलग लड़ रही हैं। इनेलो भाजपा पर लगातार हमलावर है।
ऐसे में विपक्षी दल तीनों पार्टियों पर चुटकी ले रहा है।
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कांडा और भाजपा नेताओं ने बदले बयान
दरअसल, गोपाल कांडा के बार-बार बयान बदलने और भाजपा नेताओं की अलग-अलग बयानबाजी
से विपक्षी दलों को चुटकी लेने का मौका मिल गया है। कांग्रेस और JJP इसे इनेलो और भाजपा
का साइलेंट गठबंधन करार दे रहे हैं। मगर इनेलो का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर भ्रम
फैला रही है, ताकि भाजपा के खिलाफ वोट बटोरा जा सके। जबकि, सच्चाई यह है दोनों पार्टी
कांग्रेस और भाजपा की विदाई तय है।
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Abhay-Gopal Kanda: इनेलो नेता अभय ने कहा था- कांडा-भाजपा का गठबंधन नहीं
भाजपा कैंडिडेट के कांडा के समर्थन के बाद इनेलो सबसे ज्यादा बैकफुट पर है। क्योंकि, इनेलो BJP
और कांग्रेस के खिलाफत का वोट बटोरना चाहती है। ऊपर से उनके सहयोगी गोपाल कांडा का
भाजपा ने समर्थन किया तो कांग्रेस और JJP हमलावर हो गए।
पत्रकारों ने सवाल पूछे तो अभय चौटाला ने कहा कि कांडा अपने मुंह से कहेंगे तो वह मानेंगे।
इसके बाद कांडा ने प्रेसवार्ता बुलाकर कहा कि भाजपा से उन्होंने कभी समर्थन मांगा ही
नहीं था। प्रदेश में इनेलो गठबंधन की सरकार बनेगी।