Poultry Feed: देश में हर साल करीब 50 लाख टन चिकन और 13 हजार करोड़ से ज्यादा अंडे का उत्पादन होता है. उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा घरेलू बाज़ार में खप जाता है। हर साल पोल्ट्री सेक्टर आठ से 10 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. इसलिए यदि बाजरा और ज्वार को चारे में शामिल कर लिया जाए तो किसानों की आय बढ़ सकती है।
मुर्गीपालन आहार में मक्के की बड़ी हिस्सेदारी है। पोल्ट्री विशेषज्ञों के मुताबिक, चारे में करीब 60 से 65 फीसदी मक्के का इस्तेमाल होता है. यही कारण है कि पिछले डेढ़ साल से मक्के को लेकर बाजार में उथल-पुथल मची हुई है. मक्के की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. मंडियों में मक्के की आवक भी उतनी नहीं रही. मक्का महंगा होने से अंडे और चिकन के दाम तो नहीं बढ़े हैं, लेकिन पोल्ट्री किसानों को जरूर नुकसान हो रहा है. लेकिन इस बीच अच्छी खबर आई है कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना ने पोल्ट्री फीड (Poultry Feed) में शामिल करने के लिए मक्के का विकल्प ढूंढ लिया है.
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पीएयू के बाजरा प्रजनक वैज्ञानिक डॉ. रुचिका भारद्वाज ने यह जानकारी दी। उनका कहना है कि इस फसल को मक्के की तुलना में कम पानी की जरूरत होती है. साथ ही यह किसी भी मायने में मक्का से कम नहीं है। वहीं पोल्ट्री चारे में इसके इस्तेमाल से अंडे और मुर्गियों के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
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Poultry Feed: मुर्गी चारे की समस्या बाजरा और ज्वार से ही हल होगी
डॉ. रुचिका भारद्वाज ने किसानों को भी बताया कि मुर्गी आहार में बाजरा और
ज्वार को शामिल करने से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है. पहली
बात तो यह कि किसी एक फसल पर मांग का भार नहीं बढ़ेगा. जैसे अब
मक्का को पोल्ट्री-पशु आहार में शामिल किया गया है, इथेनॉल बनाया जा रहा है,
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औद्योगिक क्षेत्र में मांग के साथ-साथ भोजन में भी मांग बढ़ रही है। इसलिए जब मांग
बढ़ती है तो दरें बढ़ना स्वाभाविक है. ऐसे में मुर्गीपालन करने वाले किसान के लिए
बाजरा और ज्वार फायदे का सौदा हो सकता है. बेशक, अभी इसका उत्पादन
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मक्के जितना नहीं है, लेकिन जब किसानों के पास मांग आएगी और रेट सही हो
जाएंगे तो उत्पादन बढ़ना तय है। आज बाजरा और ज्वार को मक्के के बराबर एमएसपी नहीं मिलता।
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जानिए कैसे बाजरा और ज्वार पोषण में मक्के के बराबर हैं
डॉ. रुचिका भारद्वाज कहती हैं कि बाजरा और ज्वार किसी भी तरह से
मक्के से कम नहीं हैं। दोनों में बराबर पोषण होता है. उदाहरण के लिए,
मक्के में 9.2 ग्राम, बाजरा में 11.8 ग्राम और ज्वार में 10.4 ग्राम प्रोटीन
होता है। इसी तरह मक्के में 26 मिलीग्राम, बाजरा में 42 मिलीग्राम और
ज्वार में 25 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। अब अगर ऊर्जा की बात करें तो
मक्के में 358 किलो कैलोरी, बाजरा में 363 किलो कैलोरी और ज्वार में
329 किलो कैलोरी होती है। वसा की दृष्टि से मक्का में 4.6 ग्राम, बाजरा में
4.8 और ज्वार में 3.1 ग्राम होता है। बाजरा और ज्वार में मक्के की तुलना में फाइबर
भी अधिक होता है। और खास बात ये है कि रेट के मामले में भी ये मक्का से कम है.